Ganga Aarti: कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह-सुबह गंगा स्नान का विधान है. माना जाता है कि इस पावन दिन पर गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से माता लक्ष्मी के साथ-साथ मां गंगा की भी कृपा बरसती है. इस दिन भक्त गंगा में स्नान के बाद उनकी पूजा और आरती करते हैं. तो भक्तों की सुविधा के लिए यहां हम गंगा आरती दे रहे हैं जिससे कि वह पढ़ कर पूजा की समाप्ति कर सकते हैं.


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यहां पढ़ें पूरी आरती


ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥


चंद्र सी जोत तुम्हारी, जल निर्मल आता।
शरण पडें जो तेरी, सो नर तर जाता॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥


पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता।
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥


एक ही बार जो तेरी, शारणागति आता।
यम की त्रास मिटा कर, परमगति पाता॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥


आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्य गाता।
दास वही सहज में, मुक्त्ति को पाता॥
॥ ओम जय गंगे माता..॥


ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता॥
ओम जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता।


कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा के घाट पर मेला जैसा माहौल होता है. इस दिन लोग गंगा में मान्यताओं के मुताबिक डुबकी लगाते हैं. ऐसे में ऋषिकेष, हरिद्वार, प्रयाग, वारणसी और पटना के घाटों पर भारी भीड़ उमड़ती है. इस दिन इतनी ज्यादा भीड़ होती है कि लोगों को संभालने के लिए पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ती है. साथ ही इस दौरान एहतियात बरतने के लिए माइक से अनाउंसमेंट भी करना पड़ता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)