नई दिल्ली: वर्तमान समय में अमूमन हर कोई किसी न किसी बात को लेकर परेशान रहता है. परेशानियों छुटकारा पाने के लिए लोग ज्योतिषी या हस्तरेखा विशेषज्ञ से सलाह देता है. कई बार ज्योतिष के जानकार रत्न पहनने की सलाह देते हैं. रत्न कीमती होते हैं इसलिए इसके स्थान पर उपरत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. सूर्य के उपरत्न के रूप में गार्नेट धारण किया जाता है. इस रत्न को पहनने से क्या-क्या लाभ होतें हैं और किस प्रकार इसे पहनना चाहिए, इस बारे में जानते हैं. 


गार्नेट रत्न के फायदे (Garnet Gemstone Benefits)


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रत्न शास्त्र में सूर्य के लिए माणिक्य के अलावा गार्नेट भी एक प्रभावशाली रत्न है. इसे रक्तमणि या तामड़ा के अन्य नामों से जाना जाता है. यह रत्न देखने में गहरा लाल होता है. सूर्य ग्रह के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए गार्नेट धारण किया जाता है. इसके अलावा इस रत्न के प्रभाव से रोग दूर होते हैं. साथ ही साथ शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. गार्नेट धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास मजबूत होता है. आंखों की रोशनी के लिए भी गार्नेट लाभकारी माना गया है. मानसिक चिंता दूर करने में भी यह रत्न सहायक माना गया है. 


किसे धारण करना चाहिए गार्नेट (Who Should wear Garnet Gemstone)


ज्योतिष के मुताबिक जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर या नीच राशि में है, उसे गार्नेट धारण करना चाहिए. इसके प्रभाव से सूर्य मजबूत होता है. जिससे नौकरी में आ रही समस्या का समाधान होता है. 


कैसे करें धारण (How to Wear Garnet Gemstone)


गार्नेट रत्न को अनामिका अंगुली में तांबे या सोने की धातु में बनवाकर किसी महीने की शुक्ल पक्ष के रविवार के दिन सुबह धारण करना चाहिए. साथ ही इस रत्न को गाय के कच्चे दूध और गंगा जल से शुद्ध कर पूजा-पाठ करने के बाद ही पहनना शुभ माना गया है. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)