Garuda Purana: जीवन में भूलकर भी न करें ये काम, झेलने पड़ते हैं बड़े दुष्परिणाम
गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के श्रवण को मृत्यु के बाद सद्गति प्रदान करने वाला माना गया है. इसमें कुछ ऐसे कार्यों के बारे में भी बताया गया, जिन्हें इंसान को भूलकर भी नहीं करना चाहिए.
नई दिल्ली: गरुड़ पुराण (Garuda Purana) को सनातन धर्म (Sanatan Dharma) का महापुराण कहा जाता है. इस पुराण के श्रवण को मृत्यु के बाद सद्गति प्रदान करने वाला माना गया है.
भगवान विष्णु ने दिया है ज्ञान
गरुड़ पुराण के अधिष्ठातृ देव भगवान विष्णु हैं. इसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य, सदाचार, निष्काम कर्म की महिमा के साथ यज्ञ, दान, तप तीर्थ जैसे लौकिक और पारलौकिक फलों का वर्णन किया गया है. मान्यता है कि भगवान विष्णु ने अपने वाहन गरुड़ की जीवन और मृत्यु से जुड़ी जिज्ञासा को शांत करने और लोक कल्याण का मार्ग बताया है. इस पुराण (Garuda Purana) में बताई बातों का पालन करके व्यक्ति अपने जीवन को बेहतर बना सकता है.
गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में स्वर्ग, नर्क और पितृलोक के अलावा आत्मा के दूसरे शरीर धारण करने की प्रक्रिया को बताया गया है. इस ग्रंथ में महिला-पुरुषों को कई ऐसे कार्यों को करने से मना किया गया है, जिन्हें करने से लोक ही नहीं बल्कि परलोक भी बिगड़ जाते हैं. आइए जानते हैं कि वे काम कौन से हैं और उन्हें करने से क्या नुकसान हो सकता है.
इन कार्यों को करने से हमेशा करें परहेज
पुराण में कहा गया है कि जो व्यवहार आप अपने लिए नहीं चाहते, वह दूसरों के साथ भी नहीं करना चाहिए. अगर आप आज किसी का अपमान करें तो भविष्य में अपने लिए भी बड़ी समस्या खड़ी पाएंगे. इसलिए सबका सम्मान कीजिए और सबके साथ अच्छी वाणी बोलिए.
गरुड़ पुराण (Garuda Purana) में लिखा है कि महिला हो या पुरुष, किसी को भी लंबे वक्त तक अपने जीवनसाथी से दूर नहीं रहना चाहिए. इससे परिवार में कलह बढ़ती है और शादीशुदा जीवन बिखरने लगता है. बेहतर तरीका ये है कि पति-पत्नी दोनों आपसी भरोसे के साथ इसका हल निकालें, जिससे परिवार सुखमय बन सके.
दूसरों को हमेशा दें मान-सम्मान
महापुराण (Garuda Purana) में कहा गया है कि इंसान को अपना मान-सम्मान को हमेशा सर्वोच्चता देनी चाहिए. उसे लंबे वक्त तक अपने मित्र या परिचितों के घर में नहीं रहना चाहिए. ऐसा करने से उस परिचित के परिवार वालों को दिक्कत होती है. साथ ही आपसी संबंध भी बिगड़ने लगते हैं.
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अपना चरित्र रखें सदा उज्जवल
पुराण में लिखा है कि इंसान को अपना चरित्र हमेशा उज्जवल रखना चाहिए. जीवन में यही एकमात्र ऐसी चीज है, जो एक बार चली गई तो दोबारा लौटकर नहीं आती. इसलिए अपना चरित्र साफ रखने के साथ ही दागी लोगों के साथ मित्रता करने से भी बचना चाहिए. ऐसा करने से लोगों का समाज में मान-सम्मान खत्म हो जाता है.
(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)
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