Gold Ramayana: हाल ही में पूरे भारतवर्ष में रामभक्तों ने रामनवमी के त्योहार को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया. जिस दौरान देशभर में भक्तों ने जुलूस और रंग बिरंगी झाकियां भी निकाली. इस बीच जहां पूरे भारत के अलग अलग क्षेत्रों में राम भक्तों ने राम के जन्मदिवस को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया तो वहीं गुजरात के सूरत में इसे कुछ अलग ही अंदाज में मनाया जाता है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि रामनवमी के दिन यहां पर भक्त सोने के रामायण के दर्शन करते हैं. दरअसल इस सोने के रामायण के दर्शन साल में सिर्फ एक दिन रामनवमी के दिन होते हैं. चलिए विस्तार में सोने के इस रामायण की जानें खासियत.


Vastu Tips: घर में इन पौधों को लगाने से नकारात्मकता से भर जाता है परिवार का माहौल, मिनटों में खाली हो जाएगी तिजोरी
 


जानें सोने के रामायण का वजन


सोने के रामायण के अंदर हर एक पन्ना सोने के स्याही से लिखा गया है. अगर इसका दोबारा दर्शन करना है तो अगले साल रामनवमी तक इंतजार करना होगा. इसमें पूरे 830 पन्ने हैं, जिसे 222 तोले सोने की स्याही से लिखा गया है. इस किताब को पूरा वजन 19 किलो है. जिसे 10 किलो चांदी, चार हजार हीरे, माणिक, पन्ना और नीलम के साथ सजाया गया है. जिसकी कीमत करोड़ों में है.


13 दिन बाद शुरू होगा इन लोगों का गोल्डन पीरियड, शुक्र की राशि में इस ग्रह का प्रवेश उम्मीद से ज्यादा देगा फल
 


जानें सोने के रामायण को लिखने में लगा कितना समय


सोने के इस रामायण के पहले पन्ने पर एक तोला सोना से भगवान शिव और आधा तोला सोना से हनुमान जी की आकृति बनाई गई है. इस किताब को राम भाई ने साल 1981 में पुष्य नक्षत्र में लिखा था. जिसे लिखने में 9 महीने और 9 घंटे का समय लगा था. सोने के इस रामायण को कुल 12 लोगों ने मिलकर तैयार किया है. जिसमें 530 पन्नों का इस्तेमाल किया गया है. इस सोने की किताब में भगवान श्री राम के नाम को 5 करोड़ बार लिखा गया है.


भारत के नहीं बल्कि इस देश के पन्ने से तैयार किया गया रामायण


सोने के इस रामायण के पन्नों को जर्मनी से मंगवाया गया था. जो दूध से भी ज्यादा सफेद है. यदि इस पन्ने को पानी से धोने पर भी कोई असर नहीं होगा. रामनवमी के दिन दर्शन करने के बाद इसे दोबारा से बैंक में रख दिया जाता है.