Gopashtami 2024: नवंबर में कब है गोपाष्टमी? जान लें सही डेट, कथा और इस दिन क्या करें
Gopashtami 2024 kab hai: कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. गोपाष्टमी का पर्व विशेष रूप से गाय की पूजा, गायों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है.
Gopashtami 2024 Date: कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस वर्ष यह पर्व 9 नवंबर के दिन मनाया जाएगा. गोपाष्टमी का पर्व विशेष रूप से गाय की पूजा, गायों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है. इस दिन गाय के साथ श्रीकृष्ण की पूजा करने का भी विशेष महत्व है. पुराणों में 33 करोड़ देवी देवता और 68 करोड़ तीर्थ गौ माता में प्रतिष्ठित बताए गए हैं, इसलिए जो मनुष्य जितेंद्र और प्रसन्नचित होकर नित्य गायों की सेवा करता है, उसको न केवल गौ माता बल्कि सभी देवी देवताओं को आशीर्वाद प्राप्त होता है. व्यक्ति के सभी दुख दूर होते हैं, घर में सुख समृद्धि आती है और उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती है. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्य पंडित शशिशेखर त्रिपाठी से कथा और इस दिन क्या करें...
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गोपाष्टमी की कथा
एक बार देवराज इंद्र ने अपने अपमान का बदला लेने के लिए ब्रज में मूसलाधार वर्षा शुरु कर दी, तब भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को इस संकट से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठाकर सारे ब्रजवासियों इसकी शरण में ले लिया. आठवें दिन इंद्र ने भगवान श्रीकृष्ण से क्षमा मांगी और कामधेनु ने अपने दूध से भगवान का अभिषेक किया था. तब से गोपाष्टमी के पर्व की शुरुआत हुई. एक अन्य धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने आज के ही दिन से गौ चारण शुरू किया था.
क्या करें इस विशेष दिन पर
इस दिन प्रातःकाल में गौओं को स्नान कराएं, स्नान के बाद गौ को माला और आभूषण इत्यादि से सजाएं, एक वस्त्र जरूर ओढ़ाए. इसके बाद गन्ध पुष्पादि से उनका पूजन करें. गायों को गोग्रास देकर उनका पूजन करें और उनकी परिक्रमा करें और थोड़ी दूर तक उनके साथ जाए.
हरा चारा और गुड़ का भोजन कराएं
जो लोग गौ सेवा करते हैं, उनका पूजन करते हैं, उन्हें इस दिन गाय को हरा चारा और गुड़ जरुर खिलाना चाहिए. इससे न केवल गौ माता का आशीर्वाद मिलता है बल्कि कुपित बुध ग्रह भी शांत होते हैं.
चरणरज का तिलक करें
गोपाष्टमी के सायंकाल में गौओं की वापसी के समय एक बार पुनः उनका स्वागत करें, चरण धोए और पञ्चोपचार पूजन करके कुछ भोजन जरुर कराएं. गौ माता के पैर छूकर उनका आशीर्वाद ले और उनकी चरणों की धूल का अपने माथे पर तिलक लगाकर उनसे प्रार्थना करें.
ग्वालों को सम्मान भी करें
गौ माता के साथ उनकी सेवा करने वाले ग्वालों का भी पूजन करें. गौ माता के साथ ग्वालों का भी तिलक लगाकर उन्हें भोजन कराएं साथ ही कुछ उपहार भी अवश्य दें.
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गौ सेवा का भाव लाएं
गाय के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए गोपाष्टमी सर्वश्रेष्ठ दिन है. इस विशेष दिन पर गौ पूजन के साथ अपने भीतर उनकी सुरक्षा का भाव लाएं. गौ माता के आहार और पालन पोषण के लिए गौशाला में दान करें और कोशिश करें किसी विशेष दिन नहीं बल्कि हर रोज गौ माता की सेवा करें और उन्हें भोजन कराएं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)