गोवर्धन पूजा को लेकर इन दिनों सभी लोग काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. पंचांग के मुताबकि इस साल गोवर्धन पूजा शनिवार यानि कि 2 नवंबर को मनाई जाएगी. पौराणिक कथाओं के मुताबिक इस दिन को इंद्र देव पर श्रीकृष्ण की विजय के रूप में मनाया जाता है.पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस शुभ दिन के मौके पर लोग अपने-अपने घरों में गोबर से श्रीकृष्ण की आकृति बनाते हैं. वहीं कुछ लोग आकृति बनाने में साबुत अनाज का भी उपयोग करते हैं.


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मान्यताओं के मुताबिक लोग श्री कृष्ण के साथ-साथ गोवर्धन पर्वत का भी चित्र बनाते हैं. श्रीकृष्ण के भक्त पूरे विधि-विधान के साथ अपने आराध्य देव की आराधना करते हैं. इस दिन इन आकृति की आरती भी करते हैं. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान की कृपा बरसती रहती है और घर में कभी भी धन-दौलत की कमी नहीं होती है.


मान्यताओं के मुताबिक आरती से पहले कान्हा जी को 56 प्रकार के भोग लगाए जाते हैं. ऐसा इसलिए कि 56 प्रकार के भोग लगाने से भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों पर खुश होते हैं. अगर कोई भी भक्त किसी भी कारण से 56 प्रकार के भोग नहीं चढ़ा पा रहे हैं तो माखन-मिश्री का भोग जरूर लगाएं. भोग के बाद ये आरती गाकर भक्त अपने आराध्य देव को प्रसन्न करते हैं.


यहां पढ़ें पूरी आरती


आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।
आरती कुंजबिहारी की,श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की।।


गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला,नंद के आनंद नंदलाला।।


गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।
लतन में ठाढ़े बनमाली भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक।।


चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की,
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की, आरती कुंजबिहारी की।।


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)