Kashtbhanjan Hanuman Mandir: 1150 कमरे की मंदिर 3 लाख वर्गफुट एरिया वाले मंदिर में गेस्ट हाउस का उद्धाटन केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने किया. मंदिर के अंदर यह गेस्ट हाउस देखने में बिल्कुल आलिशान महल या किसी भव्य होटल की तरह नजर आता है.
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गुजरात के बोटाद जिले में सालंगपुर स्थित श्री कष्टभंजन देव हनुमान मंदिर में बनें गेस्ट हाउस का उद्धाटन केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने की. गेस्ट हाउस का उद्धाटन करने पहुंचे अमित शाह ने श्री कष्टभंजन देव हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की. मंदिर में पूजा अर्चना की तस्वीर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स हैंडल से पोस्ट किया. इस गेस्ट हाउस की कई खूबियां हैं. देखने के बाद लोग जरूर पूछेंगे कि ये मंदिर का गेस्ट हाउस है या कोई आलिशान होटल.
ये है मंदिर और गेस्ट हाउस की खूबियां
यह गेस्ट हाउस किसी होटल से कम आलिशान नहीं दिखता है. इस गेस्ट हाउस को बनाने में करीब 200 करोड़ रुपये की लागत आई है. इस गेस्ट हाउस में 1150 कमरे हैं. यह गेस्ट हाउस दो साल के रिकॉर्ड समय में बनकर तैयार हुआ है. मंदिर का परिसर करीब सात एकड़ में फैला हुआ है. अगर इसे वर्गफुट में देखें तो करीब 3 लाख 4 हजार 920 होता है.
गोपालानंद स्वामी कौन थे
इस गेस्ट हाउस का नाम ‘गोपालानंद स्वामी यात्रिक भवन’ रखा गया है. गोपालानंद स्वामी स्वामीनारायण संप्रदाय के परमहंस थे. इनकी नियुक्ति स्वामीनारायण द्वारा किया गया था. गोपालानंद स्वामी स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रसार प्रचार के लिए खूब काम किया. उन्होंने कई अनुयायियों का मार्गदर्शन कर अपने संप्रदाय के प्रचार के लिए लगाया.
क्या कहा अमित शाह ने?
उद्धाटन के बाद अमित शाह ने कहा, ''मैं उन सभी लोगों का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मंदिर में पूजा-अर्चना करने के बाद यहां ठहरने के इच्छुक श्रद्धालुओं के लिए यात्री भवन के निर्माण में योगदान दिया. मैं भी यहां आता हूं और जब भी मेरे जीवन में कोई परेशानी आती है तो भगवान हनुमान से प्रार्थना करता हूं.''
कहां है यह मंदिर
यह मंदिर सारंगपुर में स्थित है जो कि गुजरात का एक शहर है. यह एकमात्र स्वामीनारायण मंदिर है जिसमें पूजा के लिए प्राथमिक देवता के रूप में स्वामीनारायण या कृष्ण की मूर्ति नहीं है. यह कष्टभंजन के रूप में हनुमान को समर्पित है. यह मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है. कष्टभंजन का मतलब होता है दुखों को कुचलने वाले. यानि कि इस मंदिर में जो भी पूजा करता है वह चाहता है कि भगवान उनके दुखों को कुचल दें.