वर्ल्ड बैंक की नौकरी छोड़ क्रैक की सिविल सेवा परीक्षा, ऑल इंडिया दूसरी रैंक के साथ बनीं SDM
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वर्ल्ड बैंक की नौकरी छोड़ क्रैक की सिविल सेवा परीक्षा, ऑल इंडिया दूसरी रैंक के साथ बनीं SDM

SDM Sangeeta Raghav: संगीता राघव ने सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए वर्ल्ड बैंक के साथ काम करने का मौका छोड़ दिया और परीक्षा की तैयारी करने लगी. उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में परीक्षा पास कर ऑल इंडिया दूसरी रैंक हासिल की थी.

वर्ल्ड बैंक की नौकरी छोड़ क्रैक की सिविल सेवा परीक्षा, ऑल इंडिया दूसरी रैंक के साथ बनीं SDM

SDM Sangeeta Raghav Success Story: संगीता राघव युवाओं के लिए बेहतरीन मिसाल हैं. उन्होंने वर्ल्ड बैंक में काम करने से लेकर सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (SDM) बनने तक का उल्लेखनीय सफर तय किया है. दरअसल, सिविल सेवा परीक्षा बेहद चुनौतीपूर्ण होती है, फिर भी कई उम्मीदवार समर्पण और प्रभावी स्टडी तकनीकों के माध्यम से सफलता हासिल करते हैं. आज, हम एक उल्लेखनीय पीसीएस अधिकारी संगीता राघव के बारे में आपको बताएंगे, जिन्होंने यूपी पीसीएस परीक्षा में शामिल होने के लिए वर्ल्ड बैंक की अपनी नौकरी छोड़ने का साहसिक निर्णय लिया, और अंततः एसडीएम बनने का अपना लक्ष्य हासिल किया.

डीयू से हासिल की मास्टर्स की डिग्री 
संगीता राघव हरियाणा के गुरुग्राम के शांति नगर की रहने वाली हैं. वह एक मजबूत बैकग्राउंड वाले परिवार से आती हैं; उनके पिता एक रिटायर्ड इंडियन नेवी ऑफिसर हैं, जबकि उनकी मां एक गृहिणी हैं. संगीता ने गुरुग्राम में अपनी स्कूली शिक्षा और ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और बाद में दिल्ली के इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री हासिल की.

छोड़ा वर्ल्ड बैंक के साथ काम करने का मौका
मास्टर्स की पढ़ाई के बाद, उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) में पीएचडी प्रोग्राम में दाखिला लिया और साथ ही साथ यूपी पीसीएस (UP PCS) परीक्षा की तैयारी भी की. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मास्टर की पढ़ाई पूरी करने के बाद, संगीता ने साउथ एशियन इंस्टीट्यूट के सहयोग से वर्क्ल बैंक के लिए एक प्रोजेक्ट पर काम किया, जिसमें उन्होंने नेपाल और हिमाचल प्रदेश जैसे स्थानों की यात्रा की थी.

दूसरे प्रयास में बनीं SDM
जेएनयू में पढ़ाई के दौरान संगीता ने 2017 में पहली बार यूपी पीसीएस परीक्षा दी थी, लेकिन दुर्भाग्य से वह पास नहीं हो पाई. हालांकि, 2018 में जब उन्होंने दोबारा परीक्षा दी तो उनकी लगन रंग लाई और उन्हें दूसरा स्थान मिला. वह अब एसडीएम के पद पर कार्यरत हैं और उन्होंने अपने अथक प्रयासों से महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है.

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