Gudi Padwa 2024 Date: हिंदू पंचांग के अनुसार, गुड़ी पड़वा का त्योहार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर मनाया जाता है. इस दिन चैत्र नवरात्रि का पहला दिन भी होता है. इसके अलावा हिन्दू नववर्ष भी इसी दिन से शुरू होता है. गुड़ी पड़वा का त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस साल गुड़ी पड़वा कब है और जानते हैं इसका महत्व.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

 


कब है गुड़ी पड़वा?
हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 08 अप्रैल 2024 यानी आज को रात 11 बजकर 50 मिनट पर होगी. वहीं, इसका समापन 09 अप्रैल 2024 को रात 08 बजकर 30 मिनट पर होगा. इसके चलते गुड़ी पड़वा 9 अप्रैल को मनाई जाएगी.


 


गुड़ी पड़वा का महत्व
गुड़ी पड़वा को "संवत्सर पडवो" के नाम से भी जाना जाता है. ये दो शब्दों से मिलकर बना होता है गुड़ी और पड़वा. गुड़ी" का मतलब हिंदू देवता ब्रह्मा का ध्वज या प्रतीक होता है, और "पड़वा" का मतलब चंद्रमा के चरण का पहला दिन होता है. इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं और परिवार के साथ विशेष पूजा-पाठ करते हैं. शास्त्रों के अनुसार इस दिन ब्रह्मा जी ब्रह्मांड की रचना और दिन, सप्ताह, महीने और साल की शुरुआत भी की थी.


इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि गुड़ी पड़वा पर राजा शालिवाहन की विजय का भी जश्न मनाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि जब राजा शालिवाहन पाटलिपुत्र लौटे थे, तब उनके लोगों ने खुशी में गुड़ी यानी झंडा फहराया था.


यह भी पढ़ें: Somvati Amavasya 2024: सोमवती अमावस्या पर इस तरह करें भगवान शिव को प्रसन्न, कष्टों से भी मिलेगी मुक्ति


 


कैसे मनाया जाता है गुड़ी पड़वा?
गुड़ी पड़वा के दिन लोग जल्दी उठकर स्नान करते हैं, घरों की साफ-सफाई करते हैं और अपने मुख्य दरवाजे को रंगोली से सजाते हैं. साथ ही, वो अपने घर के बाहर गुड़ी भी लगाते हैं. नए साल का जश्न मनाने के लिए लोग गुड़ी की पूजा भी करते हैं. इस दिन ब्रह्मा जी और भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है.


 


बनते हैं पकवान
गुड़ी पड़वा के अवसर पर लोग घर में पूरन-पोली, श्रीखंड और मीठे चावल बनाते हैं. 


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)