नई दिल्ली: इंसान की कुंडली में कई शुभ और अशुभ योग बनते हैं. ये योग ग्रहों के संयोग से बनते हैं. शुभ योग का जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. वहीं अशुभ योग लाइफ में कई प्रकार की मुश्किलें खड़ा करते हैं. ऐसा ही एक योग गुरु, राहु और केतु के मिलने से बनता है. इसे गुरु चांडाल योग कहते हैं. कुंडली का गुरु चांडाल दोष के क्या नुकसान हैं और इसे शांत करने के लिए क्या करना चाहिए, इसे जानते हैं.   


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-अगर कुंडली के पहले घर में गुरु और राहु एकसाथ बैठे होते हैं. तो इंसान का चरित्र संदिग्ध हो होने लगता है. साथ ही व्यक्ति अनैतिक रुप से धन कमाने में लगा रहता है. 


-यदि कुंडली के दूसरे घर में गुरु चांडाल योग बनता है तो ऐसे में व्यक्ति धनवान तो होता है. लेकिन भोग-विलास में धन खर्च करता है. इसके अलावा गुरु कमजोर होने से व्यक्ति नशे में डूबा रहता है. 


-कुंडली के तीसरे घर में गुरु और राहु के मिलने से इंसान पराक्रमी और साहसी होता है. लेकिन गलत कार्यों में कुख्यात हो जाता है. साथ ही व्यक्ति सट्टे, जुए आदि से धन कमाने की कोशिश करता है. 


क्या उपाय करें


गुरु चांडाल दोष से छुटकारा पाने के लिए जातक को गुरु और राहु का शांति पाठ करवाएं. इसके अलावा माता-पिता की सेवा करनी चाहिए. घर या किसी मंदिर में भगवान विष्णु की पूजा करने से गुरु चांडाल दोष का नकारात्मक प्रभाव कम होता है. सोमवार के दिन दो मुखी रुद्राक्ष धारण करना भी लाभकारी होता है. साथ ही भगवान गणेश की नियमित पूजा गुरु चांडाल दोष से छुटकारा दिलाता है. बृहस्पति मंत्र 'ओम ब्रां ब्रीं ब्रौं सः गुरवे नमः' का रोजाना जाप करना चाहिए. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)