Thursday Remedies: ब्रह्मांड के ग्रहों में यदि सूर्य को गुरु का राजा बताया जाता है तो बृहस्पति को देवताओं के गुरु होने का सम्मान दिया गया है. जिस तरह प्रत्येक देवता के लिए सप्ताह का कोई न कोई दिन तय है, उसी तरह देवगुरु बृहस्पति के लिए गुरुवार का दिन निर्धारित है. इस दिन का महत्व शास्त्रों में बहुत अधिक बताया गया है. इस दिन को यूं ही व्यर्थ में नहीं जाने देना चाहिए, बल्कि अपने जीवन को सार्थक बनाने के लिए उपयोग में लेना चाहिए. इस दिन कुछ कार्य ऐसे भी हैं, जिन्हें वर्जित बताया गया है.  


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मां लक्ष्मी की कृपा के लिए
प्रत्येक गुरुवार के दिन तुलसी के पौधे में थोड़ा सा गाय का शुद्ध कच्चा दूध डालें. जिस घर में ऐसा किया जाता है, उस घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है. गुरुवार को व्रत उपवास करके गुरु महाराज की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है. 


 


बृहस्पति की कृपा प्राप्ती के लिए
गुरुवार के दिन एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर ओम बृहस्पतये नमः मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाना चाहिए. जल अर्पित करने के बाद पुनः उसी मंत्र को बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच बार परिक्रमा करते हुए प्रार्थना करनी चाहिए, कि मन में गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े. थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को खाने के लिए डाल दें. ऐसा करने से देवगुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्त होती है. 


 


बाल न कटवाएं
एक बात अच्छी तरह से याद कर लेना चाहिए, कि गुरुवार के दिन बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है इसलिए भूल कर भी इस दिन बाल न कटवाएं. 


 


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मालिश से करें परहेज
गुरुवार के दिन शरीर पर तेल मालिश करना भी उचित नहीं होता है, लेकिन स्वास्थ्य के कारणों से मालिश करना ही हो तो शास्त्रों में इसके लिए ऋषियों ने व्यवस्था दी है. इस व्यवस्था के अनुसार तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो इसका दोष नहीं लगता  है.


 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)