Ashwin Maas 2023: आश्विन मास शरद ऋतु के समापन और हेमंत ऋतु के प्रारंभ के बीच होता है. दोनों ही मौसम बहुत अच्छे माने जाते हैं जब गर्मी कम होने लगती है और राहत महसूस होती है. आश्विन मास का प्रारंभ 29 सितंबर, शुक्रवार को  श्राद्ध अर्थात पितृपक्ष के साथ होगा. अभी से हर श्राद्ध की तारीख नोट कर लें और निर्धारित तिथि को अपने पितरों का स्मरण करते हुए श्राद्ध मनाएं. श्राद्ध के समापन के ठीक अगले दिन यानी 15 अक्टूबर, रविवार से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो जाएगा जिसमें प्रतिपदा के दिन अच्छे मुहूर्त को देख कर घट स्थापना की जाएगी. नवरात्रि में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की आराधना पूरी श्रद्धा भक्ति और विश्वास के साथ की जाती है. अभी से प्रतिपदा से लेकर नवमी तक की तारीखों को अपनी डायरी में लिख लें. यदि आप पूरे नवरात्र व्रत रखते हैं तो आपको दशमी के दिन कन्या पूजन के बाद ही पारण करना चाहिए. 


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29 सितंबर, शुक्रवार - महालय श्राद्ध पक्ष आरंभ, प्रतिपदा


30 सितंबर, शनिवार - द्वितीया श्राद्ध


01 अक्टूबर, रविवार - तृतीया श्राद्ध


02 अक्टूबर, सोमवार - चतुर्थी श्राद्ध, संकष्टी गणेश चतुर्थी


03 अक्टूबर, मंगलवार - पंचमी श्राद्ध


04 अक्टूबर, बुधवार - षष्ठी श्राद्ध


05 अक्टूबर, गुरुवार - सप्तमी श्राद्ध


06 अक्टूबर, शुक्रवार - अष्टमी श्राद्ध. जीवित्पुत्रिका व्रत


07 अक्टूबर, शनिवार - नवमी श्राद्ध, सौभाग्यवतीनां श्राद्ध


08 अक्टूबर, रविवार - दशमी श्राद्ध


09 अक्टूबर, सोमवार - एकादशी श्राद्ध


10 अक्टूबर, मंगलवार - इंदिरा एकादशी व्रत


11 अक्टूबर, बुधवार - द्वादशी श्राद्ध


12 अक्टूबर, गुरुवार - त्रयोदशी श्राद्ध, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि


13 अक्टूबर, शुक्रवार - चतुर्दशी श्राद्ध


14 अक्टूबर, शनिवार- शनैश्चरी अमावस्या, सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध


15 अक्टूबर, रविवार - शारदीय नवरात्रि शुभारंभ, घट स्थापना


19 अक्टूबर, गुरुवार - उपांग ललिता व्रत


20 अक्टूबर, शुक्रवार - सरस्वती आह्वान


21 अक्टूबर, शनिवार - सरस्वती पूजन


22 अक्टूबर, रविवार - दुर्गाष्टमी


23 अक्टूबर, सोमवार - नवमी पूजा


24 अक्टूबर, मंगलवार - विजयादशमी, दशहरा


25 अक्टूबर, बुधवार - पापांकुशा एकादशी व्रत


26 अक्टूबर, गुरुवार - प्रदोष व्रत


28 अक्टूबर, शनिवार - शरद पूर्णिमा व्रत, क्षीरपान कोजागरी व्रत