मथुरा में 2 दिन मनेगी जन्माष्टमी, जानें कब से कब तक भक्तों को मिलेंगे बांके बिहारी के दर्शन
Janmashtami in Mathura 2024: कृष्ण-कन्हैया के भक्तों को जन्माष्टमी पर्व का बेसब्री से इंतजार रहता है. जानिए इस साल मथुरा और वृंदावन में जन्माष्टमी पर्व इस साल कब मनाया जाएगा.
Janmashtami in Vrindavan 2024 Kab Hai: भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव पूरे देश में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा और उनकी लीलास्थली वृंदावन में तो जन्माष्टमी की धूम अलग ही होती है. मानो इस समय स्वर्ग ही जमीन पर उतर आता हो. उस पर वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में भी जन्माष्टमी बहुत धूमधाम से मनाई जाती है. जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा-वृंदावन में ना केवल देश के कोने-कोने से बल्कि विदेशों से भी भक्तगण आते हैं. इस साल जन्माष्टमी पर्व मथुरा-वृंदावन में 2 दिन मनाया जाएगा. जानिए मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी पर्व की तिथियां.
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मथुरा-वृंदावन में जन्माष्टमी पर्व
हर साल भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी पर्व मनाया जाता है. इस साल 26 अगस्त 2024, सोमवार को जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा. वहीं ब्रजमंडल की बात करें तो यह भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव 2 दिन मनाया जाएगा. मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मभूमि पर 26 अगस्त, सोमवार को जन्माष्टमी त्योहार मनाया जाएगा. वहीं श्रीकृष्ण की लीलास्थली कहे जाने वाले वृंदावन में 27 अगस्त, मंगलवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा.
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भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव
धर्म-शास्त्रों के अनुसार यह भगवान श्रीकृष्ण का 5251वां जन्मोत्सव है. लिहाजा इस बार का जन्माष्टमी पर्व और भी खास रहेगा. जन्माष्टमी पर्व का मुख्य आयोजन भगवान कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा में होता है. यहां 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी. यहां मध्य रात्रि को श्रीकृष्ण जन्म स्थान के मंदिर परिसर में भगवान का पंचामृत अभिषेक होगा.
जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में होगी विशेष आरती
वहीं, विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा. जन्माष्टमी के दिन बांके बिहारी मंदिर की छटा निराली ही होती है. इस दिन यहां तड़के सुबह से रात तक बांके बिहारी जी भक्तों को दर्शन देंगे. साथ ही शाम की शाम को आरती के बाद रात में भगवान का अभिषेक होगा. इसके बाद प्रभु बांके बिहारी की मंगला आरती होगी, जो साल में एक बार ही होती है.
पीतांबरी पोशाक में सजेंगे बांके बिहारी
जन्माष्टमी के दिन सुबह श्रृंगार आरती होगी. रात में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा. फिर रात 2 बजे बांके बिहारी जी पीताम्बरी पोशाक धारण करेंगे, उनका मनमोहक श्रृंगार होगा. उन्हें जन्माष्टमी का विशेष भोग लगाया जाएगा, जिसमें चिरौंजी व मेवा युक्त पंजीरी का भोग प्रमुख होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)