Masik Shivratri and Pradosh Vrat in June 2024: शिव पूजा के लिए सोमवार का दिन, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि का दिन बेहद अहम माना गया है. जून महीने में ऐसा संयोग बन रहा है जब प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन पड़ रही हैं. 4 जून, मंगलवार को ज्‍येष्‍ठ मास की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि एक साथ पड़ रही हैं. हर महीने की दोनों त्रयोदशी ति‍थि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. वहीं कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. 4 जून को ज्‍येष्‍ठ मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि हैं. इससे इस दिन किए गए व्रत और शिव पूजा का दोगुना फल प्राप्‍त होगा. साथ ही इस दिन का महत्‍व भी बढ़ गया है. 


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ज्येष्ठ मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत 2024 पूजा मुहूर्त 


ज्येष्ठ की मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत 4 जून 2024, मंगलवार को एक ही दिन है. मंगलवार होने से यह प्रदोष व्रत भौम प्रदोष कहलाएगा. साथ ही शिव जी के साथ बजरंगबली का आशीर्वाद भी दिलाएगा. पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 4 जून को मध्‍यरात्रि 12:18 से शुरू होकर 4 जून को रात 10:01 तक रहेगी. प्रदोष व्रत की पूजा शाम को प्रदोष काल में होती है. वहीं ज्येष्ठ के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 4 जून की रात 10:01 से शुरू होगी और 5 जून 2024 को शाम 07:54 तक रहेगी. मासिक शिवरात्रि की पूजा रात्रि निशिता काल मुहूर्त में होती है.


ऐसे में 4 जून को प्रदोष व्रत पूजा समय - शाम 07.16 से रात 09.18 तक है. वहीं मासिक शिवरात्रि पूजा समय रात 11.59 से देर रात  12.40 बजे तक रहेगा. 


पूरी होंगी सारी मनोकामनाएं 


मान्‍यता है कि त्रयोदशी यानि प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में पूजा करने से पूजा का फल जल्दी मिलता है. वहीं शिवरात्रि की रात शिवलिंग में महादेव का वास होता है. मासिक शिवरात्रि की रात को निशिता काल में शिवलिंग के स्पर्श मात्र से मनोकामनाएं सिद्ध हो जाती हैं. ये दोनों ही व्रत करने से सुखी वैवाहिक जीवन, अच्‍छा जीवनसाथी मिलता है. साथ ही धन-समृद्धि और सुख मिलता है. जिन लोगों के विवाह में बाधाएं आ रही हों, उन्‍हें भौम प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा जरूर करनी चाहिए. 


(Dislaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)