Kaal Bhairav Aarti: इस आरती से काल भैरव होते हैं प्रसन्न, चुटकियों में हर लेते हैं भय
Kaal Bhairav Aarti: राजसिक सिद्धि के जरिए काल भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है. बाबा काल भैरव की पूजा के बाद आरती जरूर करनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो पूजा अधूरी मानी जाती है.
Kaal Bhairav Aarti: आज काल भैरव की जयंति है. इस दिन तंत्र मंत्र की सिद्धि के लिए बाबा काल भैरव की पूजा तामसिक सिद्धि तरीके से की जाती है. नकारात्मक शक्तियों को वश में करने के लिए इस दिन कुछ लोग बाबा काल भैरव की पूजा करते हैं. वहीं, गृहस्थ जीवन वाले लोग बाबा काल भैरव की पूजा सामान्य रूप से या कहें तो राजसिक सिद्धि योग के जरिए करते हैं. राजसिक सिद्धि के जरिए काल भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती है. बाबा काल भैरव की पूजा के बाद आरती जरूर करनी चाहिए. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो पूजा अधूरी मानी जाती है.
काल भैरव की आरती
॥श्री भैरव देव जी आरती॥
जय भैरव देवा, प्रभु जय भैरव देवा।
जय काली और गौर देवी कृत सेवा॥
॥जय भैरव देवा...॥
तुम्ही पाप उद्धारक दुःख सिन्धु तारक।
भक्तो के सुख कारक भीषण वपु धारक॥
॥जय भैरव देवा...॥
वाहन श्वान विराजत कर त्रिशूल धारी।
महिमा अमित तुम्हारी जय जय भयहारी॥
॥जय भैरव देवा...॥
तुम बिन देवा सेवा सफल नहीं होवे।
चौमुख दीपक दर्शन दुःख खोवे॥
॥जय भैरव देवा...॥
तेल चटकी दधि मिश्रित भाषावाली तेरी।
कृपा कीजिये भैरव, करिए नहीं देरी॥
॥जय भैरव देवा...॥
पाँव घुँघरू बाजत अरु डमरू दम्कावत।
बटुकनाथ बन बालक जल मन हरषावत॥
॥जय भैरव देवा...॥
बटुकनाथ जी की आरती जो कोई नर गावे।
कहे धरनी धर नर मनवांछित फल पावे॥
॥जय भैरव देवा...॥
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)