What not to do in Kharmas: सनातन धर्म में खरमास को बहुत खास माना जाता है. मान्यता है जब तक खरमास लगे होते हैं, तब तक शुभ और मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं. यही वजह है कि इस अवधि में शादी-ब्याह जैसे शुभ कार्य टाल दिए जाते हैं. इस दौरान भगवान विष्णु और सूर्य देव की आराधना की जाती है, जिससे जातक के जीवन में वैभव-सुख की प्राप्ति होती है. इस दौरान कुछ कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए वरना जीवन में कई तरह के संकट शुरू हो जाते हैं. 


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कब से शुरू हो रहे हैं खरमास?


हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार सूर्य देव 15 दिसंबर को रात 10 बजकर 19 मिनट पर धनु राशि में गोचर करने जा रहे हैं. इसके साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी. इस खरमास का समापन 14 जनवरी को होगा, जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करेंगे. 


खरमास में क्या न करें (What not to do in Kharmas)


खरमास के दौरान भूलकर भी तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए. इस दौरान नया वाहन खरीदना या मकान के निर्माण की शुरुआत करना भी अशुभ माना जाता है. जब तक खरमास रहता है, उस अवधि में सगाई, विवाह, मुंडन या गृह प्रवेक करना वर्जित माना जाता है. इस दौरान किसी से वाद-विवाद करने से भी बचना चाहिए. 


खरमास में क्या करें (What to do in Kharmas)


धार्मिक विद्वानों के मुताबिक खरमास के दौरान रोजाना भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए. इस दौरान रोजाना ब्रह्म मुहूर्त में उठें और सूर्य को अर्घ्य देकर उनके मंत्रों का जाप करें. मानसिक शांति पाने के लिए खरमास के दौरान ध्यान योग करने से भी पीछे न हटें. खरमास की अवधि के दौरान अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंदों को दान दें. 


इन उपायों से करें सूर्य देव को प्रसन्न


खरमास के दौरान कुछ उपाय करके सूर्य देव को प्रसन्न करने के विधान है. इस अवधि में आप सूर्य देव को अर्घ्य और पूजा के बाद गुड़, दूध और चावल समेत कुछ चीजों का दान करें. कहा जाता है कि यह उपाय करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और जातक को अपना आशीर्वाद देते हैं. जिससे जातक की सभी इच्छाएं पूरी होने लग जाती हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)