Kharmas 2024 Katha in Hindi: खरमास एक वर्ष में दो बार लगता है. जब सूर्य मीन और धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो उस अवधि को क्रमशः मीन और धनु खरमास के नाम से जाना जाता है. साल 2024 का धनु खरमास आज यानी 15 दिसंबर से शुरू हो रहा है जो कि 14 जनवरी 2025 तक रहेगा. वैसे तो आमतौर पर अक्सर लोग ये जानते हैं कि खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं लेकिन क्या आपको पता है कि इस दौरान सूर्य की गति मंद क्यों पड़ जाती है. आइए जानते हैं इस बारे में पौराणिक कथा.


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सूर्यदेव:जीवन के दाता और खरमास की कथा


सूर्यदेव को पृथ्वी पर जीवनदाता माना जाता है. ऐसा इललिए क्योंकि, उनके ताप और ऊर्जा के बिना जीवन की कल्पना संभव नहीं है. सूर्य से पूरी प्रकृति जुड़ी हुई है. इसीलिए जब खरमास के दौरान सूर्य का तेज कम हो जाता है, तो विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. 


खरमास और ज्योतिषीय मान्यता


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहों के राजा और पिता का प्रतीक हैं. खरमास के समय सूर्य की शक्ति कमजोर हो जाती है, जिसे परिवार के मुखिया की कमजोर स्थिति के समान माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि पिता जैसे तेज के बिना शुभ कार्य नहीं किए जा सकते.


खरमास की पौराणिक कथा


पौराणिक कथा के अनुसार, सूर्यदेव अपने 7 घोड़ों के रथ पर सवार होकर ब्रह्मांड का चक्कर लगाते हैं, जिससे समय की गति बनी रहती है. कहते हैं कि लंबे समय तक लगातार चलने के कारण सूर्यदेव के घोड़े थककर कमजोर हो गए. जब सूर्यदेव ने घोड़ों की दयनीय स्थिति देखी, तो उन्हें उन पर दया आई.


सूर्य देव घोड़ों को आराम देने के लिए एक तालाब के पास ले गए. लेकिन, रथ रोकना संभव नहीं था, क्योंकि रथ रुकने से जनजीवन ठहर जाता. तभी उन्होंने तालाब के पास दो गधे देखे और उन्हें रथ में जोत दिया. गधों के कारण रथ धीमी गति से चलने लगा. यह स्थिति एक महीने तक बनी रहती है, जिसे खरमास कहा जाता है.


खरमास के दौरान, सूर्य देव के रथ के 7 घोड़े विश्राम करते हैं. जब यह समय समाप्त होता है और मकर संक्रांति का आगमन होता है, तो सूर्यदेव के रथ को घोड़े फिर से खींचने लगते हैं. इससे सूर्य का तेज लौट आता है और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)