Sandhya Vandana: भगवान सूर्य आदि नारायण है, पंचदेवों में भी इनकी गणना होती है और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन्हें ग्रहों का राजा कहा जाता है. सूर्य के मामले में वैसे तो सूर्योदय, मध्याह्न और अस्तांचल तीन समय को सबसे प्रमुख माना जाता है किंतु मान्यता है कि दिन में कम से कम दो बार तो इनकी वंदना की ही जानी चाहिए. जिस तरह घर में मेहमानों के स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी जाती है उसी तरह सूर्य की दोनों समय पूरे मन से उपासना करना चाहिए, ऐसा करने से सूर्यदेव प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. आइए जानते हैं संध्या वंदना करना क्यों शुभ होता है.


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संध्या वंदन करने के लाभ


 


1.संध्या वंदन करने से सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं तथा वह आरोग्यता का वरदान देते हैं. 


 


2.जो व्यक्ति संध्यावंदन करता है वह हर तरह के ग्रह दोषों से बचा रहता है अर्थात ग्रह दोषों की तीव्रता कम होने लगती है. 


 


3.सूर्यदेव रोजगार के भी कारक हैं इसलिए बेरोजगार युवाओं को तो अवश्य ही संध्यान करना चाहिए ताकि उन्हें रोजगार मिल सके. 


 


4.नित्य संध्या वंदन से आत्मबल में वृद्धि होती है और वह व्यक्ति साहसिक कार्य करने से भी पीछे नहीं हटता है भले ही उस कार्य में किसी भी तरह का रिस्क नहीं होता है. 


 


5.संध्या वंदन करने वाले व्यक्ति के पूजा पाठ आदि अच्छी तरह से फलते पूलते हैं, ऐसा व्यक्ति किसी दूसरे को सच्चे मन से आशीर्वाद देता है तो उस पर भी वह फलित होता है. 


 


6.संध्या उपासना करने से तन और मन शुद्ध रहता है और परमात्मा की प्राप्ति होती है.