नई दिल्ली: कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी (Krishna Pingala Sankashti Chaturthi) को संकट गणेश चौथ व्रत के रूप में भी जाना जाता है. यह हिंदू (Hindu) कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने में पड़ता है. परन्तु इस बार यह आषाढ़ की तृतीया को शुरू होगा. 


27 जून को है कृष्ण पिंगला चतुर्थी


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कृष्ण पिंगला संकष्ट चतुर्थी (Krishna Pingala Sankashti Chaturthi) इस बार 27 जून यानी क‍ि रविवार की है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान गणेश (Lord Ganesha) अपने सभी भक्तों के लिए पृथ्वी पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. मान्‍यता है कि जो भी साधक इस व्रत को करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.


कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी की पूजा व‍िध‍ि


धार्मिक ग्रंथों में कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी (Krishna Pingala Sankashti Chaturthi) के दिन चंद्रमा के दर्शन का विशेष महत्व बताया गया है. भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा करने के लिए श्रद्धालु सुबह जल्दी उठते हैं और व्रत का संकल्‍प लेकर भगवान गणेश की मूर्ति को दूर्वा घास और ताजे फूलों से सजाते हैं. गणेशजी के सामने एक दीपक जलाकर वैदिक मंत्रों का जप किया जाता है. शाम के समय चंद्रमा की पूजा करके फल और दूध से बनी चीजें चढ़ाकर, इसे प्रसाद स्‍वरूप ग्रहण क‍िया जाता है.


कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त


संकष्टी दिवस का शुभ मुहूर्त 27 जून 2021की शाम 03 बजकर 54 म‍िनट से शुरू होगा और यह 28 जून 02 बजकर 16 म‍िनट तक रहेगा. पूजा के समय चंद्रदेव की उपासना के साथ ही भगवान गणेश के नाम कृष्ण पिंगला महा गणपति के नाम जप और श्रीगणपति अथर्वशीर्ष पाठ पढ़ने की मान्‍यता है. व्रती यह अनुष्‍ठान करने से पहले क‍िस तरह और कब शुरू करना चाहिए इसकी जानकारी क‍िसी विद्वान से जरूर ले लें.


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कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी का महत्व


कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी (Krishna Pingala Sankashti Chaturthi) भगवान गणेश (Lord Ganesha) की एक अलग नाम पीता के साथ पूजा करने के लिए एक प्रमुख चतुर्थी है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस द‍िन ही भगवान गणेश को उनके पिता शिव ने सर्वोच्च देवता घोषित किया था. ऐसी मान्‍यता है क‍ि कृष्ण पिंगला संकष्टी चतुर्थी के व्रत का पालन करने से भक्त जीवन में आने वाली हर समस्या से दूर रहते हैं. यह भी कहा जाता है कि इस दिन रुद्राभिषेक या श‍िव की पूजा करने से जातक के जीवन में श‍िव की कृपा मिलती है. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि भी बनी रहती है.


ज्योतिषाचार्य डॉ शमा शर्मा
अंक शास्त्र, ज्योतिष शास्त्र एवम वास्तु शास्त्र विशेषज्ञ


(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)


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