दुर्भाग्यशाली नहीं होते हैं लेफ्ट हैंडर्स, ऐसे चमकती है इनकी किस्मत
हिंदू धर्म के रीति-रिवाज जैसे टीका लगाना, हवन, पूजा-पाठ आदि में अक्सर दाएं हाथ का इस्तेमाल किया जाता है. बाएं हाथ को अक्सर अशुद्ध माना जाता है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि हमारे शरीर के बाएं हिस्से को शक्ति का स्वरूप माना जाता है.
नई दिल्ली: कार्य करने के लिए हर इंसान दाएं या बाएं हाथ का इस्तेमाल करता है. परंतु, आधुनिक युग में कुछ लोग मानते हैं कि बाएं हाथ का प्रयोग करना या उससे काम करना गलत है. यही कारण है कि अधिकांश घरों में लोग अपने बच्चों को दाएं हाथ का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करते हैं. इसके अलावा हवन, यज्ञ और पूजा-पाठ में दाएं हाथ के इस्तेमाल की वरीयता दी जाती है. बाएं हाथ को अक्सर अशुद्ध माना जाता है. आइए ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जानते हैं कि इसके पीछे की असल वजह क्या है.
हस्तरेखा शास्त्र में बायां हाथ
हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक परुषों के दाएं और महिलाओं के बाएं हाथ को देखना चाहिए. इसके अलावा इंसान को जो हाथ अधिक सक्रिय रहता है, उसे ही देखा जाना चाहिए. हालांकि कुछ हस्तरेखा विशेषज्ञ दोनों हथेलियों को देखते हैं.
ज्योतिष के मुताबिक बांया हाथ
-वैदिक ज्योतिष के मुताबिक महिलाओं का बायां भाग को शुभ और पवित्र होता है. यही कारण है कि शादी के दौरान वधु को वर के बाएं तरफ बैठाया जाता है.
यह भी पढ़ें: होली की रात कर लें ये छोटा सा टोटका, मां लक्ष्मी की बरसेगी कृपा; हो जाएंगे मालामाल
-ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक अगर कुंडली के तीसरे भाव पर बुध और शनि का प्रभाव है तो जातक बाएं हाथ का होगा. अगर कुंडली में बुध की स्थिति अच्छी है तो बाएं हाथ के ऐसे लोग संचार से जुड़े क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन करते हैं.
-कुंडली का 9वां भाव भाग्य का होता है. अगर बुध कुंडली के तीसरे भाव से 7वां है तो ऐसे लोगों बाएं हाथ से काम करके अपनी किस्मत चमकाते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)