नई दिल्ली: हिन्दू धर्म (Hindu Religion) में किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है. गणेश को भक्त गजानन के नाम से भी जानते हैं. क्योंकि भगवान गणेश का सिर हाथी का है जबकि पूरा शरीर इंसान की तरह है. ये किस्सा सभी जानते हैं कि गणपति जी का सिर कटने के बाद उन्हें हाथी का सिर लगाया गया था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी का असली मस्तक कहां हैं?


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इस गुफा में रखा है भगवान का कटा सिर 
ये जानकर आपको आश्चर्य जरूर होगा कि भगवान गणेश का असली सिर आज भी एक गुफा (Clave) में मौजूद है. कहते हैं कि भगवान शिव ने गुस्से में आकर गणेश  का सिर काट दिया था और उसे एक गुफा में रख दिया था. इस गुफा को 'पटल भुवनेश्वर' के नाम से जाना जाता है. यहां गणेश भगवान को आदि गणेश भी कहते हैं. इस गुफा की खोज आदिशंकराचार्य ने की थी. ये गुफा उत्तराखंड के पिथौड़ागढ़ के गंगोलीहाट (Gangolihat of Pithoragarh in Uttarakhand) से 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. 


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गणेश के सिर की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं
यहां गुफा में मौजूद गणेश भगवान के सिर की रक्षा स्वयं भगवान शिव करते हैं. भगवान गणेश के कटे शिलारूपी मूर्ति के ठीक ऊपर 108 पंखुड़ियों वाला शवाष्टक दल ब्रह्मकमल के रूप में एक चट्टान है. इस ब्रह्मकमल से भगवान गणेश के शिलारूपी मस्तक पर दिव्य बूंद टपकती है. कहते हैं कि यह ब्रह्मकमल भगवान शिव ने ही यहां स्थापित किया था.