Magh Maah 2023: गंगा स्नान से इंद्रदेव ने पाई श्राप से मुक्ति, जानें हिंदू पंचाग में माघ माह का महत्व
Maagh Month Upay: हिंदू पंचाग में माघ माह का बहुत ही महत्व है. मान्यता है कि इसी महीने में इंद्र देव ने रोज गंगा स्नान करके गौतम ऋषि के श्राप से मुक्ति पाई थी, जानते है इंद्र देव की पौराणिक कथा.
Mythology Story of Magh Month : हिंदू पंचाग के अनुसार माघ माह का प्रारंभ 7 जनवरी 2023, दिन शनिवार से हो चुका है और यह 5 फरवरी तक चलेगा. हिंदू पंचांग का यह 11वां माह है जो बहुत ही पवित्र माना जाता है. स्नान दान के लिए प्रसिद्ध इस माह में तीर्थराज प्रयागराज के संगमतट पर संत महात्मा और गृहस्थ कल्पवास करते हुए नित्य ही संगम में स्नान करते हैं. मान्यता है कि इसी महीने में देवताओं के राजा इंद्र ने पूरे माह गंगा स्नान कर अपनी गलती का प्रायश्चित किया था.
पौराणिक कथा:
पौराणिक कथा के अनुसार इंद्रदेव ने गलत नीयत से गौतम ऋषि का रूप रख कर ऋषि पत्नी अहिल्या के पास पहुंच गए और अहिल्या ने भी उन्हें भी गौतम ऋषि समझ बैठी. तपोनिष्ठ गौतम ऋषि ने अपनी दिव्य दृष्टि से सब जान लिया और इंद्रदेव को श्राप दे दिया, अपनी गलती का अहसास करने पर इंद्र ने ऋषि से क्षमा मांगते हुए श्राप से मुक्ति का उपाय पूछा. गौतम ऋषि के कहा कि पूरे माह के महीने में तुम गंगा स्नान करो, इससे तुम्हें अपने किए हुए पापों से मुक्ति मिल जाएगी. गौतम ऋषि के कहने पर ही इंद्रदेव ने माघ मास में पूरे माह गंगा में स्नान किया और पाप मुक्त हुए. लेकिन गौतम ऋषि ने अपनी पत्नी अहिल्या को भी पत्थर होने का श्राप दिया तो वह भी अनुनय विनय करते हुए क्षमा मांगने लगी जिस पर उन्होंने बताया कि त्रेतायुग में श्री राम के यहां आने और स्पर्श करने पर ही उनका उद्धार होगा. जिसके पश्चात् त्रेता युग में जब श्री राम वनवास कर रहे थे, उस दौरान माता अहिल्या को स्पर्श करने से वो पत्थर से वापस मानव रूप धारण किया.
माघ माह के त्योहार और तिथि
10 जनवरी, मंगलवार - संकष्टी गणेश चतुर्थी
13 जनवरी, शुक्रवार - लोहड़ी
14 जनवरी, शनिवार- मकर संक्रांति, खरमास का समापन
18 जनवरी, बुधवार - षटतिला एकादशी
20 जनवरी, शुक्रवार - मासिक शिवरात्रि व्रत
21 जनवरी, शनिवार - मौनी अमावस्या
22 जनवरी, रविवार - माघ मास के शुक्लपक्ष का प्रारंभ
25 जनवरी, बुधवार - वैनायकी गणेश चतुर्थी
26 जनवरी, गुरुवार - वसंत पंचमी, सरस्वती पूजन
01 फरवरी, बुधवार - जया एकादशी
03 फरवरी, शुक्रवार - प्रदोष व्रत
05 फरवरी, रविवार - माघी पूर्णमासी
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)