Mahalaxmi Vrat Date: ऐसी मान्यता है कि जिस इंसान पर मां लक्ष्मी की कृपा हो जाए, उसको धनवान बनने से कोई रोक नहीं सकता है, इसलिए लोग मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा-पाठ और तरह-तरह के उपाय करते हैं, ताकि उनके घर में मां का वास हो जाए. वैसे तो शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. इस दिन अगर कोई मां की अराधना करता है तो उस पर विशेष कृपा बरसती है, लेकिन भाद्रपद के शुक्ल पक्ष में महालक्ष्मी व्रत रखा जाता है. 16 दिन तक चलने वाला ये व्रत विशेष फलदायी माना जाता है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

समापन तिथि


मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हो चुकी है. इन 16 दिनों तक महिलाएं व्रत रखकर मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करेंगी. भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत हो जाती है. इस बार भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर को पड़ी थी और इसका समापन अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन यानी कि 6 अक्टूबर को होगा. 


पौराणिक कथा


महालक्ष्मी व्रत की शुरुआत के पीछे एक पौराणिक कथा है. महाराजा जिउत की कोई संतान नहीं थी. उन्होंने मां लक्ष्मी का ध्यान किया, जिसके बाद मां लक्ष्मी ने सपने में दर्शन देकर 16 दिनों का व्रत करने की बात कही. सपने में मां लक्ष्मी के दर्शन होने के बाद महाराज ने ऐसा ही किया. कहा जाता है कि व्रत रखने के बाद उनको संतान की प्राप्ति हुई, तब से ये परंपरा चली आ रही है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


Gemstone: अमीरों के पास जरूर होता है शनि का ये रत्न, धारण करते ही बना देता है मालामाल
Vastu Shastra: इस जगह रखें धन रखने की तिजोरी या अलमारी, आर्थिक तंगी होगी दूर