Makar Sankranti Mahatav 2024: हिंदू धर्म शास्त्रों में मकर संक्रांति का विशेष महत्व बताया गया है. इस गंगा स्नान का भी विशेष महद्व है. मकर संक्रांति के दिन पूजा-पाठ, जप-तप औक दान-पुण्य आदि करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर गंगा स्नान कर  लिया जाए, तो व्यक्ति के अनजाने में किए गए सारे पापों का नाश हो जाता है. इतना ही नहीं, इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान करने की भी परंपरा है. इस दिन किए गए कुछ उपाय पितरों को मोक्ष प्रदान करते हैं. बता दें कि सूर्य देव मकर संक्रांति तिथि पर उत्तरायण होते हैं. महाभारत में सूर्य के उत्तरायण होने के बाद ही भीष्म पितामह ने देह का त्याग किया था जानें आखिर ऐसा क्यों. 


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बता दें कि जगत के पालनहार श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. अर्जुन ने ये उपदेश मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन दिया था. इस दौरान उन्होंने बताया था कि सूर्य के दक्षिणायन होने के बाद जब कोई व्यक्ति कृष्ण पक्ष की रात में शरीर का त्याग करता है, तो व्यक्ति चंद्र लोग जाता है और फिर मृत्यु लोक लौट कर वापस आता है. यह क्रम चलता रहता है. वहीं, सूर्य के उत्तरायण होने पर  शुक्ल पक्ष के दिनों के उजाले में अपने प्राण त्यागने वाले व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.  


जानें कब मनाई जाती है भीष्ट अष्टमी


हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन भीष्म अष्टमी मनाई जाती है. मान्यता है कि इस दिन भीष्म पितामह ने देह का त्याग कर दिया था. शास्त्रों में बताया गया है कि भीष्म पितामह को इच्छा मृत्यु का वरदान था. इसके बाद भी उन्होंने सूर्य के उत्तरायण होने का इंतजार किया था और माघ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान नारायण को प्रणाम कर आखिर सांस ली थी.  


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)