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Ekadashi Mantra Jaap: सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है. बता दें कि एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. इस दिन सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर व्यक्ति के जीवन से दुखों का नाश होता है और जीवन में सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार सालभर में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते हैं. हर माह दोनों पक्षों की एकादशी का अलग-अलग महत्व है.
बता दें कि मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादश के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत रखने और कथा आदि सुनने से भक्तों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही, मृत्यु के पश्चात मोक्ष मिलता है. बुरे कर्मों से मुक्ति के लिए मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए 21 बार मंत्रों का जाप करना लाभदायी रहता है.
मोक्षदा एकादशी पर करें इन मंत्रों का जाप
श्री विष्णु भगवते वासुदेवाय मंत्र
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
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शांता कारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
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दन्ता भये चक्र दरो दधानं,
कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृता ब्जया लिंगितमब्धि पुत्रया,
लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।
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ऊँ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।
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ऊँ के पंचरूप मंत्र
ॐ अं वासुदेवाय नम:।।
ॐ आं संकर्षणाय नम:।।
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।।
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।।
ॐ नारायणाय नम:।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)