Makar Sankranti 2024 Katha: मकर संक्रांति पर पूजा के समय जरूर पढ़ें ये कथा, जीवन में हर काम में मिलेगी सफलता ही सफलता
Makar Sankranti Katha: मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य के मकर राशि में गोचर करने पर मनाया जाता है. कहते हैं कि इस दिन सूर्य 6 माह के लिए उत्तरायण होते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों में मकर संक्रांति का खास महत्व है. इतना ही नहीं, इस दिन स्नान-दान से व्यक्ति के पुण्य फलों की प्राप्ति होती है. पूजा के दौरान मकर संक्रांति की कथा का पाठ करने से सुख-शांति मिलती है.
Makar Sankranti Shubh Muhurat 2024: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर साल मकर संक्रांति का पर्व सूर्य के मकर राशि में गोचर होने पर मनाया जाता है. इस दिन सूर्य 6 माह के लिए उत्तरायण होते हैं. इस दिन सूर्य देव की विधि-विधान से पूजा अर्चन करने के साथ-साथ स्नान-दान आदि का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पूजा-अर्चना के साथ कुछ ज्योतिष उपाय करने से कुंडली में सूर्य को मजबूती मिलती है. इस बार मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी के दिन मनाया जाएगा.
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान करना और दान करना उत्तम माना गया है. ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन पूजा के दौरान मकर संक्रांति कथा का पाठ करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता ही सफलता मिलती है. साथ ही, सुख-शांति का वास होता है. जानते हैं मकर संक्रांति की कथा के बारे में.
मकर संक्रांति की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार कपिल नाम के एक प्रभावशाली मुनि थे. राजा सगर के पुत्रों ने कपिल मुनि पर देव इंद्र का घोड़ा चोरी करना का झूठा आरोप लगाया था. राजा के पुत्रों के इस आरोप से क्रोधित होते हुए कपिल मुनि ने 60 हजार पुत्रों को भस्म करने का श्राप दे दिया था. गदेव इंद्र ने ऋषि से माफ मांगी, उसके बाद ही मुनि का गुस्सा शांत हुआ. देव इंद्र को माफ करने पर उन्होंने उपाय के तौर पर ये बताया कि मां गंगा को किसी भी तरह पृथ्वी पर लाना होगा. इसके बाद राजा सगर के पोते अंशुमान और राजा भागीरथ की अधिक तपस्या करने के बाद पृथ्वी पर मा गंगा प्रकट हुई. ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद ही राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को मोक्ष की प्राप्ति हुई. तब से ही हर साल संक्रांति का पर्व मनाया जाता है.
संक्रांति पर दान और स्नान का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान आदि करने से इंसान के सभी बुरे पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. ऐसा कहा जाता है कि गंगा स्नान करने से 10 अश्वमेघ यज्ञ और 1000 गाय का दान करने के समान शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इतना ही नहीं, इस दिन कई चीजों का दान करने से जातकों को सभी कार्यों में सफलता की प्राप्ति होती है. और घर में सुख-शांति का आगमन होता है. इतना ही नहीं, गंगा स्नान से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करना उत्तम माना जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)