Monthly Shivratri: इस दिन पड़ेगी मार्गशीर्ष माह की शिवरात्रि, ऐसे करेंगे पूजा-व्रत तो हर मुश्किल हो जाएगी आसान
Margashirsha Shivratri: भगवान भोलेनाथ की उपासना का पर्व शिवरात्रि वैसे तो हर महीने आता है, लेकिन मार्गशीर्ष माह में शिवरात्रि का महत्व कुछ ज्यादा बढ़ जाता है. इस दिन पूजा, व्रत करने से इंसान की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
Masik Shivratri 2022: सनातन धर्म में शिवरात्रि का काफी महत्व है. हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से पूजा और व्रत किया जाए तो इंसान के हर मुश्किल कार्य आसान हो जाते हैं. वहीं, यह महीना मार्गशीर्ष है. इस महीने का हिंदू धर्म में अपना महत्व है. ऐसे में इस महीने पड़ने वाली शिवरात्रि खास हो जाती है. इस बार मासिक शिवरात्रि 22 अक्टूबर यानी कि मंगलवार के दिन मनाई जाएगी.
फलदायी शिवरात्रि
मार्गशीर्ष माह में आने वाली इस शिवरात्रि को काफी शुभ और फलदायी माना जाता है. इस शिवरात्रि को जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से व्रत रखता है और भगवान भोलेनाथ की अराधना करता है. उस पर भगवान शंकर की कृपा बने रहती है और उसकी हर मनोकामना पूरी होने का मार्ग प्रशस्त हो जाता है.
तिथि
मार्गशीर्ष में पड़ने वाली शिवरात्रि की शुरुआत 22 नवंबर को सुबह 8 बजकर 49 मिनट से होगी और इसका समापन 23 नवंबर को सुबह 6 बजकर 53 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, इस बार की शिवरात्रि 22 नवंबर को ही मनाई जाएगी.
पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि वाले दिन सूर्य के उगने से पहले उठकर स्नान कर लें. इसके बाद शिव मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करें. शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, शहद, दही से करें. इसके बाद बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल भी चढ़ाएं. अब भगवान शिव की धूप, दीप, फल और फूल से पूजा करें.
शिव चालीसा का पाठ
इस दौरान शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करना काफी शुभ और फलदायी माना जाता है. व्रत रखने वाले लोगों को इस दिन अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए. शाम के समय फलों का सेवन करें. अगले दिन सुबह भोलेनाथ की पूजा और दान करने के बाद ही व्रत का पारण करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)