Mata Laxmi Vahan: सप्ताह के सात दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होते हैं. शुक्रवार का दिन धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी की कृपा जिस भी व्यक्ति पर बनी रहती है उसको कभी भी धन की कमी नहीं होती और सुख-समृद्धि वास करती है. सनातन धर्म में हर एक देवी-देवता का कोई न कोई वाहन है जैसे शिव जी के नंदी बैल, गणेश जी का मूषक, इसी तरह मां लक्ष्मी का वाहन उल्लू है. क्या आप जानते हैं उल्लू कैसे बना 'धन की देवी' मां लक्ष्मी का वाहन? आइए जानते हैं.


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पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार प्राणी जगत की संरचना के बाद सभी देवी-देवता अपने वाहन का चुनाव कर रहे थे. उसी समय मां लक्ष्मी अपना वाहन चुनने के लिए धरती पर आईं. तभी सभी पशु-पक्षी ने माता सीता को अपना वाहन बनाने के लिए आग्रह किया. पशु पक्षियों के आग्रह करने के बाद मां लक्ष्मी ने सभी से कहा कि मैं कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि पर धरती पर विचरण करती हूं. उस समय जो भी पशु या पक्षी मुझे सबसे पहले पहुंचे वहीं मेरा वाहन बनेगा.



... इसलिए उल्लू बना वाहन
अमावस्या की तिथि आई और इस तिथि की रात बहुत काली होती है. इस रात सभी पशु पक्षियो को बहुत कम दिखाई देता है. जब कार्तिक मास की अमावस्या पर मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करने आईं तो सबसे पहले उल्लू ने मां लक्ष्मी को देख लिया. सभी पशु पक्षियों में उल्लू इसलिए पहले पहुंचा क्योंकि उसे रात में भी अच्छे से दिखाई देता है. उल्लू से प्रसन्न होकर मां लक्ष्मी ने अपना वाहन बना लिया.


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आर्थिक समृद्धि का सूचक
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के दिन उल्लू के दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है. उल्लू को आर्थिक समृद्धि का सूचक होता है. इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि उल्लू को भूत और भविष्य का ज्ञान पहले से ही हो जाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)