Jaya Kishori: कथावाचक जया किशोरी को किसी परिचय की जरूरत नहीं है. सोशल मीडिया पर जया किशोरी के वीडियों युवाओं को खूब पसंद आ रहे हैं. आज इंटरनेशनल विमेंस डे के मौके आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी भी शामिल हुए. इस कार्यक्रम में यूट्यूब और सोशल मीडिया द्वारा अपने कंटेंट से जागरूकता फैलान रहे क्रिएटर्स को अवॉर्ड देकर सम्मानित किया गया है. बता दें कि  इस दौरान पीएम मोदी ने क्रिएटर्स को संबोधित करते हुए कहा कि यह अवॉर्ड पहली बार आयोजित हो रहे हैं, जिससे क्रिएटर्स को मोटीवेशन मिलेगा. 


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बता दें कि इन अवॉर्ड फंक्शन में कथावाचक जया किशोरी भी शामिल हुईं. पीएम मोदी द्वारा उन्हें बेस्ट क्रिएटर्स फॉर सोशल चेंज का अवॉर्ड मिला है. जया किशोरी ने युवाओं में आधुनिक तरीके से रुचि फैलाने का काम किया है. बता दें कि इस मौके पर जया किशोरी ने बताया कि आज के समय से सबसे ज्यादा अध्यात्मक की जरूरत युवाओं को है. उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण ने अर्जुन को कभी नहीं कहा कि अपना राज्य छोड़ दो. आप जहां भी हो अपना धर्म पूरा करो. 


 



बचपन से ही करती हैं भजन संध्या


श्री मद्भागवत गीता का पाठ और कथावाचन करने वाली जया किशोरी का जन्म 13 अप्रैल 1995 में राजस्थान के सुजानगढ़ में हुआ था. ब्राह्मण परिवार में जन्मी जया किशारो 6 साल की उम्र से ही श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करने लगी थी. बता दें कि जया किशोरी अब तक कम से कम 100 से भी ज्यादा कथा कर चुकी हैं. जया किशोरी अपने मोटिवेशन स्टोरी से देश ही नहीं दुनियाभर में फेमस हो चुकी हैं. उनके घर में बचपन से ही भजन संध्या होती थी. दाद-दादी ने भी उन्हें धर्म के बारे में काफी कुछ बताया था. तभी से उन्होंने श्रीमद्भागवत पढ़ना शुरू कर दिया था. 


6 साल की उम्र में किया था कथावाचन


जया किशोरी ने मात्र 6 साल की उम्र में ही कथावाचन शुरू कर दिया था. जया किशोरी की भगवान श्री कृष्ण में बड़ी आस्था थी. बताया जाता है कि जया किशोरी पढ़ाई के साथ कथावाचन भी करती थी. उन्हें भागवत गीता पूरी तरह से याद है. इतना हीनहीं, ये सोशल मीडिया पर भी पूरी तरह से एक्टिव रहती हैं. जया किशोरी के कई भजन सोशल मीडिया पर खूब धमाल मचा चुके हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)