Navgrah Puja: नववर्ष पर क्यों जरूरी है नवग्रह पूजन? जानिए इसका महत्व और लाभ
नवग्रह (Navgrah) का अर्थ है नौ ग्रह. नवग्रह में भगवान सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु शामिल हैं. इन नौ ग्रहों के देवताओं की पूजा (Navgrah Puja 2021) करने से सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है.
नई दिल्ली: नए साल (New Year 2021) पर नौ ग्रहों के आशीर्वाद के लिए नवग्रह पूजा (Navgrah Puja) की जाती है. ऐसी मान्यता है कि दुर्भाग्य को दूर रखने के लिए नौ ग्रहों के सभी नकारात्मक प्रभावों को दूर करने और सुख-शांति के लिए नवग्रह की पूजा की जाती है. अपने व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सुधार करने के लिए आप घर पर नवग्रह पूजा (Navgrah Puja) कर सकते हैं. कल यानी कि 1 जनवरी 2021 को नवग्रह पूजा जरूर करें.
दरअसल नवग्रह नौ प्रमुख ग्रह हैं, जिनका हमारे जीवन में बहुत महत्व है. ये 9 ग्रह मनुष्य की नियति तय करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं.
सुरक्षा और सफलता का आशीर्वाद
नवग्रह का अर्थ है नौ ग्रह. नवग्रह में भगवान सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु शामिल हैं. इन नौ ग्रहों के देवताओं की पूजा (Navgrah Puja) नए साल में विभिन्न उपक्रमों में सुरक्षा और सफलता का आशीर्वाद (New Year 2021) प्रदान करती है.
नवग्रह पूजा करने के लाभ
यहां नौ ग्रहों की अलग-अलग महत्ता बताई जा रही है. सभी ग्रह विशेष तौर पर फलदायक होते हैं. इसलिए इनकी पूजा का बहुत महत्व होता है.
सूर्य
सूर्य की पूजा करने से शक्ति और साहस, शत्रुओं पर प्रभुत्व, सफलता और यश, स्वास्थ्य और समृद्धि हासिल होती है. साथ ही पुरानी बीमारियों से निजात मिलती है.
मंत्र: ॐ हृां हीं सः सूर्याय नमः का 7000 बार जाप करना चाहिए.
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चंद्रमा
चंद्रमा की पूजा मानसिक शांति, आकर्षक व्यक्तित्व, भावनाओं पर उत्कृष्ट नियंत्रण, धन, प्रसिद्धि और जीवन में सफलता के लिए बेहद फायदेमंद है.
मंत्र: 11000 बार ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः का जाप करें.
मंगल
मंगल की पूजा जीवन में शानदार स्वास्थ्य, धन, शक्ति और समृद्धि प्रदान करती है और दुर्घटनाओं, डकैतियों, घातक हमलों और कारावास की आशंका को कम करती है.
मंत्र: ॐ क्रां क्रीं क्रों सः भौमाय नमः मंत्र का जाप 10000 बार करें.
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बुध
बुध की पूजा करने से ज्ञान, व्यावसायिक सफलता और वृद्धि, धन, तंत्रिका तंत्र और शरीर के कार्यों से संबंधित बीमारियों से राहत मिलती है.
मंत्र: ॐ ब्रां ब्रीं ब्रों सः बुधाय नमः का जाप 9000 बार करना चाहिए.
बृहस्पति
बृहस्पति की पूजा नकारात्मक और बुरी भावनाओं को दूर करती है और पुण्य शक्ति और वीरता प्रदान करती है. इस पूजा से बढ़ी अन्य चीजें स्वास्थ्य और दीर्घायु, उच्च शिक्षा और दार्शनिक कौशल, धन और भाग्य, संतान संबंधी आशीर्वाद और धार्मिक प्रवृत्ति प्रदान करती हैं.
मंत्र: 19000 बार ॐ ग्रां ग्रीं ग्रों सः गुरुवै नमः मंत्र का जाप करें.
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शुक्र
शुक्र की पूजा अच्छे और मजबूत प्रेम और रिश्तों, जीवन की लंबी उम्र, धन और समृद्धि, शिक्षा और कला में उन्नति, मीडिया में श्रेष्ठता का आशीर्वाद देती है. इसे करने से घरेलू तौर पर भी खुशी प्राप्त होती है.
मंत्र: ॐ द्रां द्रीं द्रों सः शुक्राय नम: का 16000 बार जाप करें.
शनि
शनि की पूजा मानसिक शांति, स्वास्थ्य ,खुशी और समृद्धि को बढ़ावा देती है. यह विपत्तियों के कारण कठिनाई की तीव्रता को कम करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
मंत्र: ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनैश्चराय नम:मंत्र का जाप, संध्या समय कुल 23000 बार किया करें.
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राहु
राहु की पूजा जीवन की दीर्घायु, शक्ति की वृद्धि, चीजों की गहर समझ और उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा प्रदान करती है.
मंत्र: ॐ भ्रां भ्रीं भ्रों सः राहवे नमः मंत्र का जाप 18000 बार करें.
केतु
केतु की पूजा स्वास्थ्य, धन, भाग्य, घरेलू खुशी और भक्त की समृद्धि को बढ़ावा देती है. इस पूजा को करने से जहरीले पदार्थों से होने वाली संपत्ति और मृत्यु के नुकसान की आशंका कम होती है.
मंत्र: ॐ स्रां स्रीं स्रों सः केतवे नमः मंत्र का जाप 17000 बार करें.
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