Sunday Worship: रविवार को करें सूर्यदेव की उपासना व विशेष मंत्रों का जाप, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं
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Sunday Worship: रविवार को करें सूर्यदेव की उपासना व विशेष मंत्रों का जाप, पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

हिंदू धर्म में हर दिन को अलग-अलग देवी-देवताओं के लिए नियत किया गया है. रविवार को सूर्यदेव का दिन (Sunday Worship) माना जाता है. इस दिन सूर्योदय व सूर्यास्त से पहले ही सूर्यदेव (Surya Dev) के पूजन की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. जानिए, रविवार को कैसे करें सूर्यदेव की पूजा, ऊनकी आरती व कुछ विशेष मंत्र (Surya Mantra).

रविवार को करें सूर्यदेव की उपासना

नई दिल्ली: रविवार को सूर्यदेव की आराधना (Sunday Worship) करना बहुत शुभ माना जाता है। पूरे विधि-विधान से सूर्यदेव (Surya Dev) की पूजा-अर्चना करने से जीवन में सफलता और मानसिक शांति प्राप्त होती है. सूर्यदेव की उपासना करके यश में वृद्धि होती और रोगों से भी मुक्ति मिलती है. अपनी इच्छा पूर्ति के लिए पूजा के साथ इनका उपवास व मंत्रों (Surya Mantra) का जाप बहुत लाभकारी होता है.

  1. रविवार को करें सूर्यदेव की आराधना
  2. सूर्य मंत्रों के जाप से मिलेगा आशीर्वाद
  3. अर्घ्य देने के बाद गाएं सूर्यदेव की आरती

इनको सच्चे मन से सुबह के समय अर्घ्य देने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. ये ही एकमात्र ऐसे देव हैं, जिनके हमें साक्षात दर्शन होते हैं.

पूजन विधि व अर्घ्य देने का तरीका
हर देवी-देवता के लिए अलग दिन नियत किए गए हैं. रविवार को सूर्यदेव का पूजन (Sun Worship) करते समय इन बातों का ध्यान रखें.

1. सूर्य के उदय होने से पहले स्नानादि करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
2. अर्घ्य देते समय सूर्यदेव की ओर न देखकर जल प्रवाह में सूर्य की किरणों की ओर देखें.
3. चावल, गुड़, गंगाजल और कुमकुम के साथ तांबे के लोटे से अर्घ्य अर्पित करें.
4. अर्घ्य देते समय मंत्रों का सात बार जाप करें.
5. अर्घ्य देने के पश्चात सूर्यदेव से अपनी गलतियों की क्षमा मांगनी चाहिए.
6. संध्या समय भी एक बार अर्घ्य दें.
7. अब सूर्यदेव के मंत्रों का उच्चारण करें.
8.. नियमित रूप से आदित्य हृदय का पाठ करें.
9. सूर्यदेव से स्वस्थ तन, मन व यश प्राप्ति की कामना करें.
10. जो लोग सूर्यदेव का उपवास करते हैं, वे इस दिन नमक व तेल से बने खाद्य पदार्थ खाने से बचें.
11. उपवास के दौरान दिन में एक बार फलाहार करें.
12. अब सूर्यदेव की आरती करें.

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सूर्यदेव की आरती
सूर्यदेव की पूजा करने के बाद यह आरती (Surya Dev Aarti) गाएं.

कहुँ लगि आरती दास करेंगे, सकल जगत जाकि जोति विराजे ।।
सात समुद्र जाके चरण बसे, कहा भयो जल कुम्भ भरे हो राम ।
कोटि भानु जाके नख की शोभा, कहा भयो मंदिर दीप धरे हो राम ।
भार उठारह रोमावलि जाके, कहा भयो शिर पुष्प धरे हो राम ।
छप्पन भोग जाके नितप्रति लागे, कहा भयो नैवेघ धरे हो राम ।
अमित कोटि जाके बाजा बाजे, कहा भयो झनकार करे हो राम ।
चार वेद जाके मुख की शोभा, कहा भयो ब्रहम वेद पढ़े हो राम ।
शिव सनकादिक आदि ब्रहमादिक, नारद मुनि जाको ध्यान धरें हो राम।
हिम मंदार जाको पवन झकेरिं, कहा भयो शिर चँवर ढुरे हो राम।
लख चौरासी बन्दे छुड़ाये, केवल हरियश नामदेव गाये।। हो रामा।

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सूर्यदेव के सरल मंत्र
हर पूजन में मंत्रों का विशेष महत्व होता है. अगर आप सूर्यदेव की पूजा कर रहे हैं तो इन सरल मंत्रों (Surya Mantra) का जाप जरूर करें.

1. ॐ मित्राय नम:
2. ॐ रवये नम:
3. ॐ सूर्याय नम:
4. ॐ भानवे नम:

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सूर्यदेव के विशेष मंत्र
इन सरल मंत्रों के अलावा सूर्यदेव के कुछ विशेष मंत्र (Surya Mantra) भी हैं, जिनका जाप करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आप इन खास मंत्रों का जाप भी कर सकते हैं.

1. पौराणिक मंत्र - जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम। तमोsरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम।
2. गायत्री मंत्र - ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात।
3. सूर्य नाम मंत्र - ॐ घृणि सूर्याय नम:।
4. रोगमुक्ति मंत्र - ॐ हृं हीं सः सूर्याय नमः।

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सूर्य के लाभकारी मंत्र
इन खास मंत्रों के अलावा सूर्यदेव के कुछ अन्य लाभकारी मंत्र (Surya Mantra) भी हैं. आप इनका जाप कर भी सूर्यदेव से आशीर्वाद मांग सकते हैं.

1. तांत्रोक्त मंत्र – ॐ घृणि: सूर्यादित्योम, ऊँ घृणि: सूर्य आदित्य श्री, ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:, ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:।
2. सूर्य वैदिक मंत्र - ॐ आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च । हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन।

सूर्यदेव के आशीर्वाद और विशेष कृपादृष्टि के लिए सुबह-शाम उनको नमस्कार कर उनका ध्यान करें.

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