ध्वज योग में मनाई जाएगी रामनवमी, इस विधि से पूजा-अर्चना करेंगे तो मिलेगा लाभ
ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, 13 अप्रैल यानि की आज अष्टमी का योग 8:16 मिनट तक ही है. इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी. 13 अप्रैल 8:19 मिनट पर रामनवमी का मुहूर्त शुरू होगा और 14 अप्रैल सुबह 06:04 तक रहेगा.
नई दिल्ली : पूरे देश में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का जन्मदिवस यानी रामनवमी को धूमधाम से मनाया जा रहा है. साथ ही आज चैत्र नवरात्र का अंतिम दिन भी है. इस बार नवरात्र में अष्टमी और नवमी एक साथ मनाई जा रही है. ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, 13 अप्रैल यानि की आज अष्टमी का योग 8:16 मिनट तक ही है. इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी. 13 अप्रैल 8:19 मिनट पर रामनवमी का मुहूर्त शुरू होगा और 14 अप्रैल सुबह 06:04 तक रहेगा.
ध्वज योग में मनाई जा रही है नवमी
इस बार रामनवमी गुरु पुष्य, सर्वार्थ सिद्धि, अमृत, रवि, त्रिशूल और ध्वज योग में मनाई जा रही है. ज्योतिर्विदों के अनुसार ऐसा महायोग 1977 के बाद आया है. बता दें कि रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. भारत में इसे बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया जाता है. हिंदू तालिका के अनुसार यह त्योहार हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को धूमधाम से मनाया जाता है.
श्रीराम की पूजा-अर्चना से मिलता है लाभ
रामनवमी के दिन भगवान श्रीराम की पूजा-अर्चना करने से विशेष पुण्य मिलता है. इस बार राम नवमी पर कुछ और दुर्लभ संयोग बन रहे हैं. इससे इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है. रामनवमी पर पुष्य नक्षत्र के साथ-साथ बुधादित्य योग का विशेष संयोग भी बना है. उच्च का सूर्य, बुध के साथ मिलकर बुधादित्य योग बना रहा है. साथ ही पुष्य नक्षत्र भी है. कई सालों बाद इतना विशेष योग भी बन रहा है. इसके कारण इस बार राम नवमी पर पूजा-अर्चना का महत्व काफी अधिक है.
आज के ही दिन त्रेता युग में महाराज दशरथ के घर विष्णु जी के अवतार भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. श्रीराम को लोग उनके सुशासन, मर्यादित व्यवहार और सदाचार युक्त शासन के लिए याद करते हैं. इस दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या आते हैं और प्रातःकाल सरयू नदी में स्नान कर भगवान के मंदिर में जाकर भक्तिपूर्वक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं. राम नवमी के दिन जगह-जगह रामायण का पाठ होता है. कई जगह भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और भक्त हनुमान की रथयात्रा निकाली जाती है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं.