Nili Chhatri Mandir: दिल्ली में महाभारत काल के कई मंदिर हैं. इन मंदिरों में एक शिव मंदिर है जो काफी फेमस है. इसे लोग नीली छतरी वाली मंदिर भी कहते हैं. इस मंदिर की स्थापना पांडवों में सबसे बड़े भाई धर्मराज युधिष्ठिर ने की थी. मान्यता है कि अश्वमेध यज्ञ करने के दौरान युधिष्ठिर ने इसका निर्माण करवाया था.


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पांडव कालीन मंदिर


नीली छतरी मंदिर जिसे लोग प्राचीन नीली छतरी मंदिर पांडव कालीन के नाम से भी जानते हैं. यह मंदिर यमुना नदी के किनारे सलीमगढ़ किले के पास स्थित है. किले के गेट नंबर 2 या बहादुर शाही गेट के पास यह मंदिर महाभारत काल से ही विराजमान है. मंदिर के गुंबज तो नीली है ही इसमें लगे पताके भी नीले रंग के ही हैं. मौजूदा वक्त में इस मंदिर में नीले रंग का टाइल्स लगा हुए है लेकिन पहले इस मंदिर की दीवार पर नीलम पत्थर जड़ा हुआ था जिसके कारण जब चांद की रौशनी पड़ती थी तब इससे नीले रंगा का प्रकाश निकलता था.


दिल्ली के इतिहास में है मंदिर का जिक्र


इतिहासकारों की माने तो मंदिर का जिक्र केवल दिल्ली के कई इतिहास में ही मिलता है. इस मंदिर की अपनी मान्यताएं हैं. यहां भगवान शिव जी की पूजा होती है. अगर आप इस मंदिर में दर्शन करना चाहते हैं तो यहां प्रवेश के लिए कोई चार्ज नहीं देना होता है. वहीं भक्तों की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में पीने की पानी का व्यवस्था, जूते रखने के रैक, बैठने के लिए बेंच की भी व्यवस्था है.


मेट्रो से पहुंच सकते हैं मंदिर 


अगर आप दिल्ली में रहते हैं और इस मंदिर में स्थापित भगवान शिव का दर्शन करना चाहते हैं तो आप यहां मेट्रो से भी पहुंच सकते हैं. मंदिर दर्शन के लिए सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशनों के नाम हैं- चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन. इन स्टेशनों पर उतरकर आप मंदिर के दर्शन कर सकते हैं.


सड़क मार्ग भी है सुविधाजनक


वहीं अगर आप सड़क मार्ग से यहां जाना चाहते हैं तो यह मंदिर श्रीनगर-कन्याकुमारी हाईवे पर स्थित प्वाइंट महात्मा गांधी रिंग रोड के पास है. अगर कोई शख्स दिल्ली के बाहर से आकर मंदिर दर्शन करना चाहते हैं तो उसके लिए भक्तों को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन उतरना होगा.


ये है हवाई रास्ता


वहीं बाहर के भक्त हवाई मार्ग से मंदिर दर्शन करना चाहते हैं तो उन्हें इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरकर कैब से मंदिर तक आना होगा. इसके अलावा एयरपोर्ट उतरने के बाद आप मेट्रो के जरिए भी मंदिर दर्शन के लिए चांदनी चौक, कश्मीरी गेट, शास्त्री पार्क मेट्रो स्टेशन पहुंच सकते हैं.


पांच लड्डू का भोग


यहां शिव जी को लड्डुओं का भोग लगाया जाता है. भोग लागने के लिए भक्तों को पांच लड्डु शिव जी को अर्पित करने होते हैं. महाशिवरात्रि के दिन इस मंदिर में विशेष महत्व होता है. मान्यता है कि यहां पूजा करने से भगवान शिव अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते हैं.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)