नई दिल्ली: हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक हथेली की सूर्य और भाग्य रेखा का विशेष महत्व है. सूर्य रेखा से करियर में तरक्की के बारे में पता चलता है. जबकि भाग्य रेखा इंसान की किस्मत के बारे में बताती है. अगर हथेली की ये दोनों रेखाएं शुभ स्थिति में होती हैं तो व्यक्ति को भाग्य का भरपूर साथ मिलता है. आइए जानते हैं कि इन दोनों रेखाएं से बनने वाले खास योगों के बारे में.


सूर्य और भाग्य रेखा का योग


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हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक अगर हथेली की सूर्य रेखा और भाग्य रेखा दोनों शुभ है. साथ ये दोनों एक दूसरे के समानांतर हों तो व्यक्ति अतिसौभाग्यशाली होता है. इसके साथ ही यदि मस्तिष्क रेखा सीधी और स्पष्ट है भाग्य वृद्धि में चार चांद लग जाता है. ऐसे लोग काफी धनवान होते हैं. साथ ही उन्हें सारी सुख-सुविधाएं मिलती हैं. हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक रेखाओं का यह योग इंसान को बुद्धिमान भी बनाता है. ऐसे व्यक्ति जीवन के हर क्षेत्र में सफलता अर्जित करते हैं. 


आधी उम्र के बाद करते हैं तरक्की


हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक अगर सूर्य रेखा हृदय रेखा के पास से शुरू होती है, तो व्यक्ति अपने जीवन के उत्तरार्ध में तरक्की करता है. ऐसी रेखा वाले अधिकांश लोग 55-60 वार्ष की आयु में कुछ विशेष काम करते हैं. हलांकि इसके लिए सूर्य रेखा का स्पष्ट और अच्छा होना जरूरी है. 


जीवन रहता है खुशहाल 


हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार अगर सूर्य रेखा, मणिबंध या इसके करीब से शुरू होकर भाग्य रेखा के समानांतर होकर शनि पर्वत तक पहुंच जाए तो यह योग बहुत अच्छा और खास माना जाता है. ऐसे लोग जिस भी काम को करते हैं, उसमें सफलता पाते हैं. वहीं अगर हृदयरेखा के ऊपर सूर्य रेखा ना हो या होकर भी छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटे हों तो इंसान का जीवन खुशहाल नहीं रहता है. ऐसे व्यक्ति संघर्ष में अपना जीवन व्यतीत करते हैं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)