Vishwakarma Puja 2024 Date: कब है विश्वकर्मा पूजा, भद्रा और पंचक के बीच कितने बजे करें पूजा

Vishwakarma Puja 2024 Date: विश्वकर्मा पूजा कब मनाई जाएगी. इसको लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति है. विश्वकर्मा पूजा न सिर्फ मजदूरों और कामगारों बल्कि हम सभी के लिए भी जरूरी मानी जाती है. आज के युग में हर व्यक्ति मोबाइल और लैपटॉप के बिना अपना काम नहीं कर पाता है इसलिए ये भी एक प्रकार की मशीन हैं और इनका प्रयोग करने वाले सभी लोगों के लिए भी विश्वकर्मा पूजा का महत्व बहुत खास माना गया है.

Written by - Dr. Anish Vyas | Last Updated : Sep 16, 2024, 02:29 PM IST
  • फैक्ट्रियों में औजारों की होती है पूजा
  • विश्वकर्मा पूजा के दिन भद्रा का साया
Vishwakarma Puja 2024 Date: कब है विश्वकर्मा पूजा, भद्रा और पंचक के बीच कितने बजे करें पूजा

नई दिल्लीः Vishwakarma Puja 2024 Date: विश्वकर्मा पूजा को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. ये 16 सितंबर को मनाई जाएगी या 17 सितंबर को. दरअसल इस बार सूर्य 16 सितंबर की शाम को 7:29 मिनट पर कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं. इसलिए विश्वकर्मा जयंती अगले दिन यानी कि 17 सितंबर को मनाई जाएगी. विश्वकर्मा पूजा रवि योग में है. 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा के दिन रवि योग सुबह 6.07 बजे से है, जो दोपहर 1.53 बजे तक है.

फैक्ट्रियों में औजारों की होती है पूजा

इस दिन हर कारखाने, फैक्ट्री और दुकानों में उनकी धूमधाम से पूजा की जाती है. इस दिन औजार से जुड़ा काम करने वाले कुशल मजदूर और कामगार औजार का प्रयोग नहीं करते बल्कि उनकी पूजा करके उन्हें एक दिन के आराम देते हैं. इस दिन फैक्ट्रियों में सभी मशीनों और कलपुर्जों की पूजा की जाती है. तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोग विश्वकर्माजी को अपना भगवान मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं.

शास्त्रों में भगवान विश्वकर्मा को वास्तुकार और शिल्पकार बताया गया है. भगवान विश्वकर्मा ने ही इंद्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्गलोक, लंका और जगन्नाथपुरी का निर्माण किया था.

विश्वकर्मा पूजा के दिन भद्रा का साया

विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह 11.44 बजे से भद्रा लग रही है. यह रात 9.55 बजे तक रहेगी. इस भद्रा का वास पृथ्वी लोक पर है. धरती की भद्रा अशुभ प्रभाव वाली मानी जाती है, जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं. ऐसे में आपको विश्वकर्मा पूजा भद्रा से पहले कर लेनी चाहिए. 

विश्वकर्मा पूजा के दिन राज पंचक लगा है. इस पंचक का प्रारंभ 1 दिन पहले यानी 16 सितंबर सोमवार से हो रहा है. सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है. राज पंचक शुभ फलदायी होता है.

विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपनी दुकान, वाहन, मशीन, औजार, कलपुर्जे आदि की पूजा करते हैं. इस अवसर पर देवता के शिल्पी भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. उनके आशीर्वाद से बिजनेस में उन्नति होती है. पूरे साल भर काम अच्छे से चलता है. किसी भी प्रकार की कोई विघ्न बाधा नहीं आती है.

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