नई दिल्ली : बिहार (Bihar) की राजधानी पटना में महावीर मन्दिर (Mahaveer Temple) का स्थान देश भर में हनुमान जी को समर्पित पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है. इस मंदिर की गिनती उत्तर भारत के उन प्रसिद्ध मंदिरों में होती है, जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं. संकट मोचक की प्रतिमा भक्तों के ह्रदय में विशेष स्थान रखती है. 


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पटना के प्राचीन हनुमान मंदिर में मौजूद हैं युग्म प्रतिमाएं
देश के अग्रणी हनुमान मन्दिरों में से एक पटना के महावीर मंदिर को मनोकामना मंदिर माना जाता है, जहां हनुमान जी की युग्म प्रतिमाएं हैं. पटना रेलवे स्टेशन के नजदीक स्थित महावीर मन्दिर देश में अग्रणी हनुमान मन्दिरों में से एक है. मंदिर की ख्याति मनोकामना पूरी करने वाले धाम के रूप में है. यहां श्री रामभक्त हनुमान जी की युग्म प्रतिमाएं एक साथ हैं.


पहली 'परित्राणाय साधूनाम्' जिसका अर्थ है अच्छे व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए और दूसरी 'विनाशाय च दुष्कृताम्' जिसका अर्थ है दुष्ट व्यक्तियों की बुराई दूर करना है. हनुमान का ये मंदिर आस्था का बडा केंद्र है. यहां मंगलवार और शनिवार के दिन सबसे अधिक संख्या में भक्त जुटते हैं. 


1980 के दशक में हुआ हनुमान मंदिर का जीणोर्द्धार 
मंदिर पटना रेलवे स्टेशन से निकल कर उत्तर दिशा की ओर स्थित है. प्रसिद्ध महावीर मंदिर पटना जंक्शन परिसर से सटा ये मंदिर वैसे तो बेहद प्राचीन है, जिसे 80 के दशक में नया रंग-रूप दिया गया. पटना आने वाले श्रद्धालु यहां सिर नवाना नहीं भूलते. मंदिर का जीणोर्द्धार साल 1983 से 1985 के बीच किया गया था.


गर्भगृह तक जाती हैं महावीर मंदिर के धाम की सीढ़ियां
महावीर मंदिर का क्षेत्रफल करीब 10 हजार वर्ग फुट है.मंदिर परिसर में आगंतुकों और भक्तों की सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद है. मंदिर परिसर में प्रवेश करने के पश्चात बायीं तरफ एक चबूतरे पर सीढ़ियों की श्रृंखला है, जो गर्भगृह की ओर जाती है. 


मंदिर की पहली मंजिल पर देवताओं के चार गर्भगृह हैं. इनमें एक भगवान राम का मंदिर है, जहां से इसका प्रारंभ होता है. राम मंदिर के पास भगवान कृष्ण का चित्रण किया गया है, जिसमें वे अजुर्न को धमोर्पदेश दे रहे है. इससे अगला देवी दुर्गा का मंदिर है. इसके बाद भगवान शिव, ध्यान करती माँ पार्वती और नंदी-पवित्र बैल की मूर्तियां हैं जो लकड़ी के कटघरे में रखी गयी हैं. लकड़ी के कटघरे में शिव जी के ज्योतिर्लिंग को स्थापित किया गया है. 


दक्षिण भारत के तिरुपति से आए कारीगर बनाते है 'नैवेद्य'
महावीर मंदिर एक और विशेषता इसका प्रसाद 'नैवेद्यम' है, जिसे तिरुपति के कारीगरों द्वारा तैयार किया जाता है. इस प्रसाद में बेसन, चीनी, काजू, किशमिश, हरी इलायची, कश्मीरी केसर समेत अन्य सामग्री डालकर घी में पकाया जाता है. महावीर मंदिर का नैवेद्यम लड्डुओं का पर्याय है, जिसे हनुमान जी को अर्पित किया जाता है. संस्कृत भाषा में नैवेद्यम का अर्थ है देवता के समक्ष खाद्य सामग्री अर्पित करना.


रामनवमी के दिन बाबा के भक्तों की विशेष पूजा-अर्चना
मंदिर में पूरे साल भक्तों की भारी भीड़ रहती है लेकिन रामनवमी के मौके पर बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से आते है और रामनवमी के अवसर पर महावीर मंदिर में भगवान राम, सीता, लक्ष्मण सहित हनुमान जी की भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है.


उत्तर भारत का पहला मंदिर जिसने बनवाए पांच अस्पताल
मंदिर के द्वारा बहुत सारे समाजसेवी  योजनाएं चलाई जाती है. यह उत्तर भारत का पहला मंदिर है जिसने 5 बड़े अस्पतालों की स्थापना की है मंदिर द्वारा बनवाए गए सभी पांच अस्पतालों में मरीज को निशुल्क भोजन कराया जाता है. कोरोना काल के बीच दुबारा खुले मंदिर में लोगों को जागरुक किया जा रहा है. दर्शन के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.


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