Prayagraj Mahakumbh 2025 Akhadas News: प्रयागराज में होने जा रहे महाकुंभ में इस बार साधुओं के अखाड़ों को ज्यादा मिलेगी. प्रशासन ने अखाड़ों की मांग मानते हुए उन्हें भूमि आवंटन कर दिया है.
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Prayagraj Mahakumbh 2025 land allottment to Akhadas: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक हुई. इस बैठक में भूमि आवंटन के मुद्दे पर तमाम अखाड़ों का प्रतिनिधित्व करने वाले अखाड़ा परिषद और कुंभ मेला प्रशासन के प्रतिनिधि शामिल हुए. जिसमें महाकुम्भ मेले में भूमि आवंटन को लेकर चल रहा गतिरोध दूर हो गया और भूमि आवंटन को लेकर सभी अखाड़ों के बीच आम सहमति बन गई.
5 फीसदी भूमि क्षेत्र बढ़ाने पर सहमति
जानकारी के मुताबिक़ कुंभ मेला प्रशासन और अखाड़ा परिषद के बीच 5 फीसदी भूमि बढ़ाने के मुद्दे पर सहमति बन गई है. आवाहन अखाड़े के महंत कैलाशपुरी महाराज ने बताया, 'हम लोगों की ओर से 150 फुट क्षेत्र बढ़ाने की मांग की गई थी, लेकिन उन्होंने बढ़ाई है, कुछ बढ़ाई है जमीन. हम इससे सहमत हैं. जो उन्होंने कहा है, उससे सभी अखाड़े सहमत हैं.'
10 अखाड़ों के प्रतिनिधि हुए शामिल
इस बैठक में 10 अखाड़े शामिल हुए. बैठक ख़त्म होने के बाद सभी अखाड़ों के प्रतिनिधि प्रशासन के फैसले से खुश नज़र आए और उन्होंने दावा किया कि हर बार की तरह इस बार भी महाकुंभ का आयोजन ऐतिहासिक होगा. अग्नि अखाड़े के महामंत्री सोमेश्वरानंद महाराज ने कहा, माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में, माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में दिव्य और भव्य कुंभ होने वाला है. हमलोग आश्वस्त हैं और दोनों लोग मिलकर शासन-प्रशासन और अध्यात्म सनातन की परंपरा, सबलोग मिलकर जब कार्य करेंगे तो कार्य सफल होगा.'
हालांकि तीन अनी अखाड़ों ने इस बैठक से दूरी बनाए रखी. यानी उन अखाड़ों के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल नहीं हुए. जिनमें निर्वाणी अनी अखाड़ा, निर्मोही अनी अखाड़ा और दिगंबर अनी अखाड़ा शामिल हैं.
महाकुंभ में 45 करोड़ लोग लेंगे भाग
बताते चलें कि प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो रहा है. प्रत्येक 12 वर्ष में एक बार होने वाले इस दिव्य महाकुंभ में लगभग 45 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है. इस तरह के महाकुंभ में साधु-संतों के सभी 13 अखाड़े भाग लेते हैं. उन अखाड़ों को पंडाल लगाने के लिए प्रशासन की ओर से निशुल्क अस्थाई भूमि का आवंटन किया जाता है, जहां पर संबंधित अखाड़े के साधु-संत रहते हैं.