Night Worship Tips: रात में पूजा करते समय पूर्व नहीं इस दिशा में करें मुंह, जरूर रखें इन बातों का खास ख्याल

Right Direction For Night Puja: ज्योतिष अनुसार वैसे तो भगवान की पूजा और भक्ति किसी भी समय की जा सकती है. लेकिन क्या आप जानते हैं रात के समय पूजा के कुछ विशेष नियम बनाए गए हैं. इन बातों को ध्यान में रखते हुए की गई पूजा से जहां व्यक्ति के मन और मस्तिष्क को शांति मिलती है. वहीं, पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है. आइए जानते हैं रात के समय किस बात का ध्यान रखना चाहिए.

ज़ी न्यूज़ डेस्क Thu, 09 Jun 2022-3:10 pm,
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नहीं बजाते घंटीः आमतौर पर देखा जाता है कि शाम के समय पूजा करते समय घंटियों का प्रयोग किया जाता है. लेकिन शंख की तरह घंटी का प्रयोग करना भी मना होता है. सांयकाल की पूजा के बाद घंटी का प्रयोग भूलकर भी न करें. 

 

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रात में न छुएं तुलसीः भगवान श्री कृष्ण, श्री हरि विष्णु जी और सत्यनारायण की पूजा के समय तुलसी का प्रयोग जरूर किया जाता है. मान्यता है कि बिना तुलसी के इनकी पूजा अधूरी है. इसलिए जब भी रात में पूजा करें तो पूजा के लिए सुबह ही तुलसी के पत्ते तोड़ लें. पौराणिक मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद तुलसी जी लीला करने चली जाती हैं. ऐसे में उन्हें स्पर्श करने या तोड़ने से व्यक्ति को पाप लगता है. शाम के समय सिर्फ तुलसी मां के सामने दीपक जलाया जा सकता है  और उनकी आरती की जा सकती है. 

 

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इन देवों की नहीं करें पूजाः रात के समय सभी देवी-देवताओं की पूजा नहीं की जाती. इस समय सूर्यादि समेत पंचदेवो की पूजा भूलकर न करें. पंचदेवता में सूर्यदेव, भगवान गणेश, देवी दुर्गा, भगवान शिव और भगवान विष्णु शामिल हैं. ऐसा माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद इन पंचदेवताओं की पूजा से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. 

 

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इस दिशा में करें मुंहः वैसे तो पूजा करते समय व्यक्ति को पूर्व दिशा की ओर मुंह करना चाहिए. लेकिन अगर आप रात में पूजा कर रहे हैं, तो इस दौरान उत्तर दिशा में होना चाहिए. भगवान शिव की पूजा करते समय भी उत्तर दिशा का ध्यान रखना चाहिए. मान्यता है कि इस दिशा की ओर मुंह करके पूजा करने से व्यक्ति के धन-धान्य में वृद्धि होती है. घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. मान्यता है कि कुबेर की सीधी दृष्टि इसी दिशा पर पड़ती है. 

 

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न करें शंख का प्रयोगः धार्मिक दृष्टि से रात के समय  शंख बजाने की मनाही होती है. कहते हैं कि सूर्यास्त के बाद देवी-देवता आराम के लिए चले जाते हैं. ऐसे में शंख की ध्वनि से उनके आराम में बाधा उत्पन्न होती है. साथ ही, हवा में मौजूद शुप्त जीवों का आराम भी बाधाति होता है. इसलिए रात की पूजा में शंख का इस्तेमाल न करें. 

 

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