PM Modi Bihar Visit: क्या है बिहार के गया में श्राद्ध कर्म करने का महत्व, जिसका पीएम मोदी ने संबोधन में किया जिक्र
PM Modi Bihar Visit: हिन्दू धर्म में श्राद्ध कर्म, पिंडदान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. कहा जाता है कि पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. पूरे देश में कई स्थान हैं तो पिंडदान, तर्पण के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. अभी हाल ही में पीएम मोदी ने जनसभा संबोधित करते हुए बिहार के गया का जिक्र किया और कहा कि गया पितृ श्राद्ध स्थल है, यहां भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गया को श्राद्ध स्थल क्यों कहा जाता है और यहां पिंडदान करने का क्या महत्व है.
भगवान विष्णु स्वयं करते हैं वास
भारत में पिंडदान, श्राद्ध कर्म के लिए 55 जगहों को महत्वपूर्ण माना जाता है. हालांकि इन जगहों में से गया का अपना अलग महत्व है. गया फल्गु नदी के तट पर स्थित शहर है, कहा जाता है कि सर्वपितृ अमावस्या के दिन यहां पिंडदान करने से 108 कुल और 7 पीढ़ियों का उद्धार हो जाता है. धार्मिक पुराणों के मुताबिक गया में भगवान विष्णु खुद पितृदेव के रूप में वास करते हैं.
प्रभु राम से संबंध
शास्त्रों के अनुसार फल्गु नदी के तट पर ही भगवान राम और माता सीता ने राजा दशरथ का पिंडदान यहीं किया था. बिहार के गया को पिंडदान के लिए सर्वोपरि माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां श्राद्ध कर्म करने से व्यक्ति पितृश्रण स मुक्त हो जाता है.
पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार गयासुर नाम के राक्षस था जो भस्मासुर के वंश से था. उसने कड़ी तपस्या करने के बाद ब्रह्माजी से वरदान मांगा था. गयासुर ने ब्रह्माजी से वरदान मांगा कि उसका शरीर सभी देवी-देवताओं की तरह पवित्र हो जाए और जो भी उसके दर्शन करेगा उसके पाप मुक्त हो जाएंगे. इस वरदान के कारण सभी लोग भय मुक्त हो कर पाप करने लगे और असुर के दर्शन कर पाप मुक्त भी हो जाते थे.
पांच कोस में फैला शरीर
गयासुर के वरदान के कारण स्वर्ग की संख्या बढ़ गई. इससे बचने के लिए देवताओं ने यज्ञ के लिए गयासुर से पवित्र स्थल की मांग की . गयासुर ने देवताओं की मांग को देखते हुए अपना शरीर यज्ञ के लिए दे दिया. जब गयासुर यज्ञ के लिए लेटा तो उसका शरीर पांच कोस में फैल गया.
इसलिए गया बना पितृ स्थल
यहां पांच कोस की जगह गया बन गई. इसके बाद भी लोगों के मन से पाप मुक्त होने की मनोकामना नहीं गई. फिर गयासुर ने देवताओं से वरदान मांगा कि जो भी लोग इस स्थान पर पिंडदान करने आए उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो जाए. इसी के चलते बिहार का गया श्राद्ध के लिए अच्छी मानी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)