Premanand Ji Maharaj Katha Vachak: हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण का जन्म स्थान मथुरा वृंदावन विशेष महत्व रखता है. यह भारत के प्रमुख और पवित्र तीर्थों में से एक माना जाता है. शास्त्रों में वृंदावन को भगवान श्री कृष्ण की स्थली बताया गया है. वृंदावन में श्री कृष्ण की लीलाओं से जुड़े कई प्रमुख स्थान है. यहां हर साल बड़ी की संख्या में लोग आते हैं. 


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भगवान श्री कृष्ण की स्थली वृंदावन में आए दिन लोग दर्शन को जाते हैं. और वहां से वापस लौटते समय वृंदावन से कुछ चीजें भगवान के आशीर्वाद के रूप में ले आते हैं. लेकिन प्रेमानंद जी महाराज ने वृंदावन से कुछ चीजों को लाना शुभ नहीं बताया है. वृंदावन से लोग रज से लेकर भगवान के वस्त्र और मोरपंख आदि ले जाते हैं. लेकिन कुछ चीजों को वृंदावन से बाहर ले जाने की मनाही है. कथावाचक प्रेमानंद जी महाराज ने प्रवचन के दौरान इन ही चीजों के बारे में विस्तार से बताया है. 


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वृंदावन से घर ले आएं ये वस्तुएं


प्रेमानंद जी महाराज ने प्रवचन के दौरान बताया कि गिरिराज जी को ब्रज से बाहर नहीं ले जाना चाहिए. कई बार घर पर गिरिराज पर्वत की मूर्ति घर पर ला कर रख लेते हैं. लेकिन महाराज जी ने इसे घर लाने पर मना किया है. वहीं, कई लोग कोई जीव जैसे तुलसी और पशु-पक्षी आदि भी ले जात हैं. प्रेमानंद जी महाराज ने इन्हें भी घर ले जाने को मना किया है. उनका कहना है कि बड़े सौभाग्य के बाद इनका ब्रज में उदय हुआ है. ऐसे में उस जीव या तुलसी को बाहर ले जाना उत्तम बात नहीं है.  


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इन वस्तुओं को ला सकते हैं घर 
 
वहीं, दूसरी ओर प्रेमानंद महाराज ने कुछ चीजों को वृंदावन से घर लाना शुभ बताया गया है. ऐसे में अगर आप भी वृंदावन से निशानी के तौर पर कुछ घर लाना चाहते हैं, तो आप ब्रज की रज घर ला सकते हैं. साथ ही, जल, प्रसाद, पोशाक और मुकुट आदि भी घर ले जाया जा सकता है. 
   


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)