Raghunath Temple Jammu: अयोध्या का राम मंदिर लोगों के बीच में अभी काफी प्रचलित हो रखा है. बता दें कि जम्मू का रघुनाथ मंदिर भी प्रभु श्री राम के लिए जाना जाता है. दरअसल जम्मू को रघुनाथ मंदिर के लिए भी जानते हैं. साल 2002 में इस मंदिर पर दो हमले हुए थें, जिसके बाद भी श्रद्धालुओं की श्रद्धा को कोई आहत नहीं पहुंचा पाया. यही वजह है कि यहां प्रभु श्री राम के साथ 33 करोड़ देवी देवताओं के दर्शन के लिए केवल देश ही नहीं विदेशों से भी प्रतिदिन 1500 से 2000 भक्त पहुंचते हैं. आइए विस्तार में रघुनाथ मंदिर की खासियत के बारे में जानें.


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जानें किसने इस खास मंदिर का किया निर्माण


रघुनाथ मंदिर को 1857 में महाराजा रणवीर सिंह और उनके पिता महाराजा गुलाब सिंह में बनवाया था. इस मंदिर की एक खासियत है कि यहां पर सभी श्रद्धालुओं की मुराद जरूर पूरी होती है.


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मंदिर के निर्माण से जुड़ी दिलचस्प कहानी


रघुनाथ मंदिर के निर्माण के लिए महाराजा गुलाब सिंह को रामदास वैरागी द्वारा भविष्यवाणी मिली थीं, जो कि आगे चल कर सत्य भी हुई. रामदास वैरागी प्रभु श्री राम के भक्त थें. वह भगवान राम के आदर्शों का प्रचार करने के लिए अयोध्या से जम्मू आए थें. रामदास ने भी सुई सिम्बली में पहले राम मंदिर का निर्माण कराया था.


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जानें मंदिर की खासियत


बता दें कि मंदिर के अंदर तीन दीवारें सोने की चादर से ढकी हुई हैं. मुख्य मंदिर का दरवाजा चांदी का बना है. जिसे जयपुर के कारीगरों ने तीन महीने में तैयार किया. मंदिर में एक स्कूल और पुस्तकालय भी है. जहां पर भारतीय भाषाओं में 6,000 से भी ज्यादा पांडुलिपियां हैं.


मंदिर में हिंदू धर्म के 33 करोड़ देवी देवताओं के लिंगम बने नजर आएंगे.


मंदिर के बाहर पांच कलश नजर आते हैं, जो लम्बाई में बने हुए हैं. मंदिर में माता सीता, प्रभु श्री राम के साथ लक्ष्मण की विशाल मूर्ती भी है. मंदिर में एक ऐसा कक्ष भी है जहां चारों धाम के दर्शन कर सकते हैं.  


आतंकी हमला भी नहीं रोक सका भक्तों की आस्था


बता दें कि रघुनाथ मंदिर में 30 मार्च 2002 को आतंकवादी संगठन ने ग्रेनेड फेंक कर हमला किया था. दूसरा हमला उसी साल 24 नवंबर को लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किया गया था. जिसमें 13 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थीं. 


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)