Ram Katha Ramayan: रामायण में कई ऐसे किस्सों के बारे में बताया गया है, जिसे बहुत कम लोग ही जानते हैं. हिंदू धर्म में भगवान श्री राम के लाखों भक्त हैं. ऐसे में घर-घर में रामायण का श्रवण करने मात्र से ही जीवन के दुखों और कष्टों से छुटकारा मिलता है. शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि भगवान  श्री राम के सुमिरन करने से ही व्यक्ति के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. ऐसे में आज हम माता सीता के श्राप से जुड़े एक किस्से के बारे में जानेंगे, जिसमें एक तोते ने उन्हें वियोग होने का श्राप दिया था, जिसके चलते उन्हें श्री राम से अलग होने का कष्ट सहना पड़ा था. साथ ही हम जानेंगे, माता सीता का जन्म कैसे हुआ था और उनका नाम माता सीता कैसे पड़ा?  


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तोते ने माता सीता को क्यों दिया था श्राप? 


पौराणिक मान्यता के अनुसार एक बार सीता माता ने अपने पास नर-मादा तोता रखे थे. उनमें से एक मादा तोता किसी वजह से मर गया. मादा तोते को मरा देख नर तोता बहुत क्रोधित हुआ और दुखित होते हुए माता सीता को श्राप दे डाला. नर तोते ने माता सीता को श्राप दिया कि जिस तरह उसे अपने साथी के बिछड़ने का कष्ट हुआ, उसी प्रकार सीता माता को भी वियोग (पति से अलग होने का कष्ट) होगा.


इसलिए पड़ा माता सीता का नाम 'सीता'


पौराणिक कथाओं में माता सीता के जन्म को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं. रामायण के अनुसार एक समय की बात है राजा जनक खेत में हल चला रहे थे. उस समय उनकी नजर एक कन्या पर पड़ी, जिसके बाद उन्होंने उस कन्या को घर महल में लगाकर उनका पालन-पोषण किया. 


कहा जाता है कि राजा जनक को हल चलाते समय उस कन्या की प्राप्ति हुई थी और हल के आगे के हिस्से को सीता कहा जाता है. इसलिए उस कन्या का नाम भी सीता रखा गया. 


वहीं, दूसरी कथा में ऐसा माना जाता है कि सीता जी मंदोदरी और रावण की पुत्री खी. कहते हैं कि सीता जी वेदवती नाम की महिला का दूसरा जन्म थीं. ऐसा कहा जाता है कि रावण के प्रकोप से बचने के लिए वेदवती ने आत्मदाह कर लिया था. लेकिन इस दौरान वेदवती ने रावण को श्राप दिया था कि दूसरे जन्म में उनकी बेटी बनकर उसका विनाश करेंगी. 


मंदोदरी ने दिया था सीता को जन्म 


इस वजह से रावण की पत्नी मंदोदरी ने पुत्री को जन्म दिया और यह जानकर वेदवती के द्वारा दिए गए श्राप याद आ गया था. जिसके बाद से रावण ने अपनी पुत्री को समुद्र में छोड़ दिया था.  समुद्र की देवी ने उस कन्या को धरती मां के हवाले कर दिया. और यही कन्या आगे चलकर राजा जनक की बेटी सीता के नाम से जाना गई. 


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)