Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का 22 जनवरी को उद्घाटन किया जाएगा. प्राण प्रतिष्ठा के लिए तैयारियां अंतिम छोर में हैं. इससे पहले का अनुष्ठान कार्यक्रम जारी है. बीते गुरुवार यानी 18 जनवरी को रामलला की मूर्ति को गर्भ गृह में विराजित कर दिया गया है. राम मंदिर के उद्घाटन के लिए पूरी राम नगरी अयोध्या को सजा दिया गया है. अब सब लोगों के मन में ये सवाल है कि रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या होगा. आइए जानते हैं इसके बारे में सब कुछ.


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पुरानी मूर्ति के दर्शन का आज आखिरी दिन



बीते गुरुवार को विधि विधान से राम मंदिर के गर्भ गृह में विराजित कर दिया गया है. इसके चलते आज राम मंदिर में मौजूद रामलला की मूर्ति के दर्शन करने का आज आखिरी दिन है. 75 साल से जिस रामलला की मूर्ति की पूजा हो रही थी वो भी ‘चल मूर्ति’ या ‘उत्सव मूर्ति’ के रूप में गर्भ गृह में रखी जाएगी. जानकारी के लिए बता दें रामलला की इस मूर्ति को 1949 में बाबरी मस्जिद में रखा गया था और 1990 में विध्वंस के बाद हटा दिया गया था. इसके बाद फिर दोबारा ये मूर्ति टेंट में स्थापित की गई थी.


ट्रस्ट ने दिया बयान



श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी रामलला की पुरानी मुर्ति को लेकर पूछे गए सवाल का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि रामलला की मौजूदा मूर्ति को भी नए मंदिर के गर्भगृह में ही रखा जाएगा. 


चल मूर्ति या उत्सव मूर्ति और अचल मूर्ति में अंतर



अब ये सवाल उठता है कि उत्सव मूर्ति और अचल मूर्ति में क्या फर्क है. बता दें कि अचल मूर्ति हमेशा के लिए स्थाई रहती है और गर्भगृह में ही रहती है. वहीं, दूसरी तरफ उत्सव मूर्ति को धार्मिक आयोजनों में पूजा के लिए मंदिर से बाहर भी लाया जाता है. इसके अलावा उत्सव मूर्ति को नियमित रूप से बदला भी जा सकता है.


चल मूर्ति को कराया परिसर भ्रमण 



बीते बुधवार को रामलला की चल मूर्ति को परिसर भ्रमण कराया गया. 10 किलो की चांदी से बनी इस मूर्ति को मुख्य यजमान डॉ़ अनिल मिश्रा ने पालकी पर विराजमान कर मंदिर मंदिर के चारों तरफ भ्रमण कराया. इस दौरान मंदिर में मौजूद इंजीनियरों और सुरक्षा कर्मियों ने पुष्पवर्षा भी की.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)