सोने से जड़ा होगा राम मंदिर का शिखर, शीर्ष से 10 फीट तक लगाई जाएंगी स्वर्ण पट्टियां
Ram Mandir Top: इन दिनों श्रीराम मंदिर के शिखर यानी सबसे ऊपरी हिस्से की संरचना का काम चल रहा है. मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र के मुताबिक, मंदिर का शिखर सोने से जड़ा होगा. साथ ही मंदिर के सबसे ऊपरी बिंदु से करीब 10 फीट नीचे तक सोने की पट्टियां लगाई जाएंगी.
Ram Mandir Top: राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने गुरुवार को बताया कि मौजूदा समय में हमारा मुख्य उद्देश्य मंदिर निर्माण से जुड़े सभी कार्यों को संपन्न करना है. निर्माण कार्य में गति लाने के लिए श्रमिकों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है.
उन्होंने कहा, "वर्तमान में कार्य की प्रगति संतोषजनक है और समय सारणी के अनुसार चल रहा है. हाल ही में परिसर में होने वाले निर्माण कार्यों के संबंध में कुछ जानकारी साझा की गई है. जैसे कि मंदिर निर्माण का कार्य जो कि 15 मार्च तक पूरा होने की संभावना है, उसी के साथ सात अन्य छोटे मंदिरों का निर्माण भी पूरा किया जाएगा. वर्तमान में श्रमिकों की संख्या में थोड़ी वृद्धि हुई है. हालांकि, अभी भी अपेक्षाकृत जो संख्या है, वह थोड़ी कम है. लेकिन, इसमें गति लाने की पूरी कोशिश की जा रही है." उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता इस समय मंदिर निर्माण पर केंद्रित है, और उसके साथ-साथ अन्य सहायक कार्यों को भी शीघ्र पूरा किया जाएगा.”
मंदिर के निचले हिस्से पर राम कथा का निर्माण
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, मंदिर के निचले हिस्से पर राम कथा का निर्माण कार्य भी शुरू हो चुका है. यह राम कथा पत्थरों पर उकेरी जाएगी और लगभग 500 फीट लंबी यह डिजाइन पूरी हो चुकी है. इसे जल्द ही स्थापित करने की तैयारी की जा रही है. इसके अलावा, अन्य सहायक संरचनाओं जैसे कि विद्युत, अग्नि, और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम भी जारी है. इन सभी कार्यों को जनवरी के अंत तक ट्रस्ट को सौंपने का लक्ष्य है.”
सोने से जड़ा होगा मंदिर का सबसे ऊपरी हिस्सा
उन्होंने कहा, “मंदिर की शिखर संरचना पर भी काम चल रहा है. यह शिखर स्वर्ण से आच्छादित होगा, लेकिन इसका जो सबसे ऊंचा बिंदु है, उसके नीचे करीब दस फीट तक स्वर्ण पट्टियां लगाई जाएंगी. यह कार्य इस समय जिले के दायरे में आता है, और ट्रस्ट का दायित्व इस काम को पूरी तरह से समाप्त करने का है.”उन्होंने कहा, “निर्माण कार्य की गति संतोषजनक है और हम उम्मीद करते हैं कि सभी कार्य समय पर पूरे होंगे, ताकि श्रद्धालु दुर्गा केंद्र और अन्य सहायक संरचनाओं का उपयोग जनवरी के अंत तक कर सकें.”