Ramayan Story: मंथरा के याद दिलाने पर कैकेयी ने मांगे दे महाराजा से ये दो वर, रामायण कथा में जानें
Ramayan Story in Hindi: दासी मंथरा द्वारा महारानी कैकेयी के कान भरने का असर होने लगा और वह वही सोचने लगीं जो मंथरा कह रही थी. दासी ने उन्हें याद दिलाया कि महाराजा दशरथ ने एक बार उनसे दो वरदान मांगने को कहा था.
Ask King Dasharatha for both Boons of Kaikeyi: दासी मंथरा द्वारा महारानी कैकेयी के कान भरने का असर धीरे धीरे होने लगा. मंथरा ने महारानी को समझाने का प्रयास किया कि राम का राज्याभिषेक होते ही कौशल्या पटरानी बन कर बैठ जाएगी और फिर राम को भरत को जेल में डाल देंगे और आपको कौशल्या की नौकरानी बन कर रहना होगा. कौशल्य ने इन सबकी पहले ही योजना बना ली है तभी उसने महाराज दशरथ से कह कर इस मौके पर भरत को ननिहाल भिजवा दिया है. राजतिलक की तैयारियां शुरू हुए पंद्रह दिन बीत गए फिर भी तुम्हें कोई खबर नहीं दी गई.
कैकेयी बोलीं, मुझे तो इन स्थितियों में कुछ नहीं सूझ रहा
मंथरा ने अपनी बात को सिद्ध करने के लिए महारानी कैकेयी को तरह तरह की कहानियां सुनाईं. मंथरा की बात का इतना प्रभाव पड़ा कि महारानी बोलीं, मुझे तेरी बातें सत्य समझ में आ रही हैं. मेरी दाहिनी आंख रोज फड़का करती है, मुझे रात में बहुत ही बुरे सपने आया करते हैं किंतु अपनी अज्ञानता कारण किसी से चर्चा नहीं करते हैं. उन्होंने दासी को सखी बताते हुए पूछा कि अब मुझे क्या करना चाहिए क्योंकि मुझे तो कुछ सूझ ही नहीं रहा है. वह बोलीं मैंने अपने होश में तो कभी किसी का बुरा नहीं किया है फिर न जाने किस पाप के कारण यह दुख मिल रहा है.रानी ने दीन भावना से कहा कि वह तो अपने नैहर में जाकर रह लेंगी लेकिन अपनी सौत की गुलामी नहीं करेंगी.
मंथरा ने कैकेयी से कहा, तुम दुख न करो
मंथरा ने कैकेयी से कहा कि तुम क्यों दुख करती हो, तुम्हारा सुख और सुहाग तो दिन दूनी और रात चौगुना होगा. फल तो उसे ही मिलेगा जिसने तुम्हारी बुराई सोची है. उसने अपनी बताते हुए कहा कि जब से यह समाचार उसे सुनाई पड़ा है तब से न तो दिन में भूख लगती है और न ही रात में नींद आती है, बस दिन रात भरत की चिंता सताती रहती है. ज्योतिषियों ने बी कुंडली बांच कर यही कहा है कि भरत ही राजा होंगे.
राजा दशरथ से वर मांगने का यही समय है
मंथरा ने रानी कैकेयी को सुझाव देते हुए कहा कि यदि तुम राजी हो तो एक रास्ता है क्योंकि राजा तुम्हारे वश में हैं. कैकेयी ने मंथरा पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि तुम कहोगी तो कुएं में भी कूद सकती है,पुत्र और पति को भी छोड़ सकती हैं क्योंकि तुम ही तो सच्ची हितैषी हो. मंथरा ने कैकेयी को याद दिलाया कि एक बार महाराजा ने उनसे दो वरदान मांगने को कहा था. वह मांगने का यही समय है. एक से भरत को अयोध्या का राज और दूसरे से राम को वनवास मांग लो. बस इस वरदान को मांगने के लिए तुम अभी से कोपभवन में चली जाओ और जब राजा मनाने आए तो राम की सौगंध रखाने के बाद मांग लेना.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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