Ujjain Mahakal Mandir: होली के पांच दिन बाद चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन भी कई जगहों पर रंग-गुलाल से होली खेली जाती है. बता दें कि इस बार रंग पंचमी का त्योहार 30 मार्च के दिन मनाया जाएगा. लेकिन होली पर उज्जैन के महाकलेश्वर मंदिर में हुए हादसे के चलते रंग पंचमी पर मंदिर में बाहर से रंग-गुलाल लाने पर बैन लगा दिया है. 


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बता दें कि जिला प्रशासन ने सोमवार को मंदिर के गर्भगृह में लगी आग के चलते ये फैसला लिया है. सोमवार होली के दिन सुबह गर्भगृह में आग लगने से 14 पुजारी झुलस गए थे. जिला प्रशासन अधिकारियों ने बताया कि होली की तरह मंदिर में रंगपंचमी का त्योहार भी मनाया जाता है. लेकिन इस बार मंदिर के गर्भगृह में बाहर से रंग-गुलाल लाने पर बैन लगा दिया गया है. मंदिर प्रबंधन समिति ने ये फैसला लिया है कि इस बार पलाश के फूलों से बने हर्बल रंग की व्यवस्था की गई है. 


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इस कारण लगी होगी आग 


प्रदेश नगरीय प्रशासन मंत्री का कहना है कि उज्जैन के मंदिर में गुलाल में मिले हुए रसायनों के कारण ही आग लगी होगी. आगे से ये सुनिश्चित  किया जाएगा कि अगली बार केमिकल युक्त गुलाल का उपयोग न किया जाए. 


प्रारंभिक जांच में पता चला है कि गर्भगृह में पुजारी और परिजनों में से किसी ने गुलाल फेंका और कर्पुर आरती के संपर्क में आने से आग भड़क गई. हालांकि, आधिकारिक तौर पर आग लगने के कारण का खुलासा नहीं किया गया है. वही, भस्मआरती के दौरान लोगों की भारी भीड़ को भी सवालों को घेरे में रखा गया है. बता दें कि तय संख्या से ज्यादा 25 लोग गर्भगृह में थे. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के बाद भी क्विंटलों में रंग-गुलाल कैसे गर्भगृह में पहुंचा. 



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