नई दिल्‍ली: हिंदू धर्म में रामभक्‍त हनुमानजी (Hanuman ji)  की आराधना करना खासा अहम बताया गया है. लिहाजा कई लोग हर रोज हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) का पाठ करते हैं. इसके पाठ से परेशानियां दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. इसके अलावा ये पाठ करने से एक अलग ही ऊर्जा का संचार होता है. शास्‍त्रों में हनुमान चालीसा का पाठ करने के कुछ नियम बताएं गए हैं. इसके अलावा इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियां भी बताई गई हैं. इन सभी नियमों का पालन करके पाठ करने से पूरा फल मिलता है. 


हनुमान चालीसा करने के नियम


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- यदि हनुमान चालीसा का पाठ (Hanuman Chalisa ka path) मंदिर में घर में रखी भगवान की फोटो-मूर्ति के सामने नहीं कर रहे हैं तो पहले अपने मन में हनुमानजी के आराध्य प्रभु राम और फिर हनुमानजी का स्मरण करते हुए उनकी मूर्ति या फोटो को जरूर स्थापित करें.
- इसके बाद हनुमान जी की मूर्ति के सामने तांबे या पीतल के पात्र में जल लेकर कुछ बूंदे हनुमानजी और हनुमान चालीसा पर अर्पित करें. साथ ही एक दीया और धूप भी जलाएं.
- सबसे अहम बात यह है कि हनुमानजी को सिंदूर का टीका जरूर लगाएं और उनके चरणों से टीका उठाकर स्वयं के माथे पर लगाएं. हनुमानजी की पूजा-अर्चना में सिंदूर के टीके का बहुत महत्‍व है. 
-इसके बाद पूरे मन से पाठ शुरू करें. कोशिश करें कि इस दौरान आपका मन हनुमानजी पर ही केंद्रित रहे और यहां-वहां न भटके. 


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बरतें ये जरूरी सावधानियां


- हनुमान चालीसा का पाठ शुरू करने के लिए हमेशा मंगलवार या शनिवार का दिन ही चुनें.
- सभी तरह के पूजा-अनुष्‍ठान की तरह हनुमान चालीसा का पाठ भी स्नान करके और साफ कपड़े पहनकर करना चाहिए. 
- यह पाठ करते समय कभी सीधे जमीन पर न बैठें, बल्कि आसन का उपयोग करें. 


(नोट: इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारी और मान्यताओं पर आधारित हैं. Zee News इनकी पुष्टि नहीं करता है.)


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