Rudraksha Benefits: रुद्राक्ष हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और यह शिव जी से जुड़ा हुआ माना जाता है. इसका अर्थ है 'रुद्र की आंख', धार्मिक मान्यता है कि यह भगवान शिव की आंखों से आंसु गिरने पर पैदा हुआ था. रुद्राक्ष के मुखर अलग-अलग प्रकार के होते हैं जिससे इसका महत्व और उपयोग भिन्न होता है. यह माला के रूप में पहना जाता है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए होता है. विशेष तौर पर भारत और नेपाल में रुद्राक्ष की पूजा और महत्व है. ज्योतिष शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, रुद्राक्ष को धारण करने से व्यक्ति की जीवन में सुख, समृद्धि और शिवजी का आशीर्वाद बना रहता है. 


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रुद्राक्ष धारण करने के फायदे
रुद्राक्ष को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है. यह तनाव, चिंता और अन्य नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है. इसका उपयोग मेडिटेशन में भी किया जाता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने में सहायक होता है. 
मान्यता है कि जो व्यक्ति इसको धारण करता है, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता. लेकिन, रुद्राक्ष धारण करते समय कुछ खास नियम और अनुष्ठानों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है.


रुद्राक्ष धारण करते समय इन बातों का रखें ध्यान
जिस तरह से सोमवार के दिन व्रत, पूजा और रुद्राभिषेक से शिवजी को प्रसन्न किया जा सकता है, ठीक उसी तरह रुद्राक्ष धारण करने से भी उन्हें प्रसन्नता मिलती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, रुद्राक्ष को धारण करने का सबसे शुभ दिन सोमवार माना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव का दिन है. जब आप रुद्राक्ष माला पहनने जा रहे हों, तो आपको ध्यान देना चाहिए कि उस में कम से कम 27 मनके होने चाहिए. रुद्राक्ष धारण करने से पहले कुछ पूजा-विधियों का पालन भी जरूरी है. माला को पहले लाल कपड़ा में बांधकर शिव मंदिर में रखना चाहिए और 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करना चाहिए. जाप के बाद, गंगाजल से माला को और अपने हाथों को धोना चाहिए और संकल्प लेना चाहिए कि आप भगवान शिव की भक्ति में रुद्राक्ष माला धारण कर रहे हैं. रुद्राक्ष धारण करने से पहले स्नान जरूर करना चाहिए, ताकि शारीरिक और मानसिक शुद्धि बनी रहे.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)