What Is Rudraksh: हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव की आराधना से जोड़ा जाता है. रुद्र का अर्थ है शिव और अक्ष का अर्थ है आंसू की बूंदें. पौराणिक कथा के अनुसार एक बार भगवान शिव ध्यानमग्न अवस्था में चले गए और कई सदियों तक उन्होंने कभी अपनी आंखें नहीं खोली और फिर उनकी आंखों से परमानंद के आंसू धरती पर गिरे और वे रुद्राक्ष बन गए.


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रुद्राक्ष धारण करने से मन को शांति मिलती है और सकारात्मक उर्जा उत्पन्न होती है. बहुत से लोग रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं वहीं कुछ लोग रुद्राक्ष का ब्रेसलेट पहन कर रखते हैं. लेकिन क्या आपको पता है रुद्राक्ष का ब्रेसलेट पहनने के क्या फायदे हैं? तो आइए जानते हैं


रुद्राक्ष ब्रेसलेट के फायदे


-  रुद्राक्ष का ब्रेसलेट पहनने से धन का आगमन होता है और दरिद्रता दूर होती है.
-  रुद्राक्ष का ब्रेसलेट पहनने से मान-सम्‍मान में बढ़ोत्‍तरी होती है.
-  रुद्राक्ष शनि के प्रकोप से हमारी रक्षा करता है.
-  रुद्राक्ष से बना ब्रेसलेट शरीर के मेटाबॉलिज्‍म को दुरुस्‍त करता है.
-  रुद्राक्ष का ब्रेसलेट पहनने से करियर को ऊंचाई मिलती है.
-  रुद्राक्ष पहनने से कुण्डली के दोष भी दूर होते हैं.
-  रुद्राक्ष पहनने से मन शांत रहता है और मानसिक बीमारियों से छुटकारा मिलता है.


रूद्राक्ष धारण करने के नियम


- रुद्राक्ष को लाल धागे या पीले धागे में ही धारण करना चाहिए.
- रुद्राक्ष को पूर्णिमा, अमावस्या या किसी सोमवार को धारण करना सबसे अच्छा माना जाता है.
- रुद्राक्ष को पहनने के बाद मीट मांस का सेवन करने से बचना चाहिए.
- रुद्राक्ष धारण करने से पहले स्नान जरूर करना चाहिए.
- रुद्राक्ष धारण करते समय ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए.
- रुद्राक्ष को श्मशान घाट और अंत्येष्टि में नहीं ले जाना चाहिए.
- रुद्राक्ष को हमेशा साफ रखना चाहिए। अगर मनके के छिद्रों में गंदगी जम गई है तो इसे साफ करते रहना चाहिए.
- रुद्राक्ष को कभी किसी नवजात शिशु के पास नहीं ले जाना चाहिए.
- रुद्राक्ष को सोने से पहले पवित्र स्थान पर रख देना चाहिए.


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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)