Basant Panchami Puja Vidhi: विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती का आशीर्वाद हर कोई पाना चाहता है. ऐसे लोगों के लिए ही बसंत पंचमी का पर्व किसी उत्सव से कम नहीं होता है. इस दिन विधि-विधान से मां सरस्वती का पूजन करने वालों से वह प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाती हैं. बता दें कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह त्योगार मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 26 जनवरी यानी कि गुरुवार के दिन पड़ रहा है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस दिन से किसान अपने खेतों में सरसों की कटाई प्रारंभ करते हैं और सभी लोग बड़े उत्साह से पीले वस्त्र पहनकर बसंत पंचमी का पर्व मनाते हैं. यूं तो यह पर्व सभी  लोग उत्सह के साथ मनाते हैं, किंतु विद्यार्थियों के लिए इस पर्व का विशेष महत्व है. परीक्षाओं में निश्चित और अच्छी सफलता की कामना करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रातः काल जागने के बाद नित्य कर्म से निवृत्त होकर मां सरस्वती का पूजन करने के बाद पढ़ाई में लग जाना चाहिए. ऐसा करने वाले विद्यार्थियों को अच्छे अंकों के साथ परीक्षा में उत्तीर्ण होने से कोई रोक नहीं सकता है.


मां की आराधना 


मां सरस्वती की कृपा पाने के लिए बसंत पंचमी के दिन घर में ईशान कोण की दिशा को ठीक से साफ करने के बाद मां सरस्वती की प्रतिमा या चित्र को लकड़ी की चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर स्थापित करना चाहिए. इसके बाद खुद भी पूर्व या उत्तर दिशा की तरफ मुख करके प्रतिमा का वस्त्र पहनाने के साथ ही पुष्पों से सजावट करें. धूप की सुगंध कर पूरे परिवार के साथ उनकी कृपा पाने की प्रार्थना करनी चाहिए. श्वेत या पीले वस्त्र, पीले व कमल का फूल चढ़ाएं और केसर की खीर बनाकर भोग लगाएं. खीर न बना सकें तो बेसन का हलुवा बनाकर भी भोग लगा सकते हैं. हां सबसे पहले गणपति जी का पूजन करें. घर में कोई छोटा बच्चा है और इसी साल उसका स्कूल में प्रवेश कराना है तो इस दिन उससे भी पूजन कराने के बाद उसका पाटी पूजन कराएं. लकड़ी की पाटी ने आधुनिक समय में कॉपी और पेंसिल ली है तो उसी से ओम लिखवाएं.


अपनी फ्री कुंडली पाने के लिए यहां क्लिक करें